Edited By ,Updated: 19 Nov, 2016 01:49 PM
आधुनिक भाग-दौड़ भरी अव्यवस्थित जिंदगी में मोटापा और वजन बढ़ना कई रोगों के एक प्रमुख कारक के तौर पर उभरा है और एक नए अध्ययन की मानें तो अधिक वजन...
वाशिंगटन:आधुनिक भाग-दौड़ भरी अव्यवस्थित जिंदगी में मोटापा और वजन बढ़ना कई रोगों के एक प्रमुख कारक के तौर पर उभरा है और एक नए अध्ययन की मानें तो अधिक वजन से रक्त विकार का खतरा बढ़ जाता है जो आगे जाकर कैंसर का रूप ले सकता है।यह पहले से ज्ञात है कि अधिक वजन या मोटापा से कई तरह के मायलोमा का खतरा बढ़ जाता है।
अमूमन 60 वर्ष की आयु के बाद रक्त और अस्थि मज्जा में विकसित होने वाले प्लाज्मा कोशिकाओं के कैंसर को मायलोमा कहते हैं।रक्त विकार मोनोक्लोनल जैमोपैथी ऑफ अनडिटरमाइंड ग्निफिकेंस(एमजीयूएस)के बाद कई प्रकार के मायलोमा के विकसित होने का खतरा होता है।नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार वाशिंगटन विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर सु-हसीन चांग ने बताया,‘‘हमारा अध्ययन यह दिखलाता है कि मोटापा को कई तरह के मायलोमा का कारक माना जा सकता है।’’चांग ने कहा,‘‘एमजीयूएस से पीड़ित मरीज अगर उचित वजन बरकरार रखते हैं तो इससे कई तरह के मायलोमा को रोकने में मदद मिल सकती है।’’