Edited By ,Updated: 23 Apr, 2017 02:15 PM
अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) मानता है कि भारत में नोटबंदी का असर कम हुआ है...
वाशिंगटन : अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) मानता है कि भारत में नोटबंदी का असर कम हुआ है। लेकिन उसने पुरानी करंसी की जगह नई मुद्रा को तेजी से प्रचलन में लाने पर जोर दिया है ताकि लेनदेन बहाल हों। साथ ही लोगों की खर्च करने की क्षमता को सहारा मिल सके। IMF एशिया व प्रशांत विभाग के डिप्टी डायरेक्टर केनेथ कांग ने बताया कि अनुमान इस ओर इशारा करते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था में लगभग 75 फीसदी पुरानी करंसी को नई मुद्रा से बदला जा चुका है। साथ ही हाल में औद्योगिक उत्पादन और पीएमआइ जैसे कुछ संकेतक भी काफी बेहतर रहे हैं।
कांग ने बताया कि IMF अवैध वित्तीय लेनदेन के खिलाफ भारत सरकार के प्रयासों की सराहना करता है। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि जैसा कि भारत की अर्थव्यवस्था में नकदी एक अहम पहलू है इसलिए बहुत जरूरी है कि जितनी जल्दी हो सके नई मुद्रा को प्रचलन में लाया जाए। इससे न केवल लेनदेन बहाल होगा, बल्कि लोगों की खर्च करने की क्षमता में भी सुधार होगा। कांग ने माना कि नोटबंदी एक चौंका देने वाला कदम था।
IMF एशिया व प्रशांत विभाग के डायरेक्टर चांगयोंग री ने कहा कि नोटबंदी का आर्थिक विकास की दर पर कुछ नकारात्मक प्रभाव जरूर पड़ा, लेकिन 2017 में इसके धीरे-धीरे खत्म हो जाने की उम्मीद है। लिहाजा वित्तीय वर्ष के आधार पर 2017 में भारत की आर्थिक विकास दर के लिए मुद्राकोष के अनुमान दोबारा 7.2 फीसद हो गए हैं। जबकि 2018 में यह रफ्तार 7.7 फीसद रहेगी। एशिया और दुनिया की बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहेगा।