Edited By ,Updated: 06 May, 2017 05:01 PM
दुनिया के सबसे बड़े एक्सरे लेजर ने काम करना शुरू कर दिया है...
बर्लिनः दुनिया के सबसे बड़े एक्सरे लेजर ने काम करना शुरू कर दिया है। वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक इससे पहली किरण छोड़ी। इस कदम को वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत बता रहे हैं। जर्मनी में स्थापित इस एक्सरे लेजर एक्सएफईएल की लंबाई 3.4 किलोमीटर है। इसका ज्यादातर हिस्सा जमीन में दबा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे नए पदार्थों, नई दवाओं और विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं को समझने में मदद मिलेगी।
इस लेजर से छोड़े गए प्रकाश की तरंगदैर्घ्य 0.8 नैनो मीटर (मीटर का 100 करोड़वां हिस्सा) थी। यह दृश्य प्रकाश की तरंगदैर्घ्य से 500 गुना कम है। शुरुआत में इस लेजर की गति एक किरण प्रति सैकेंड है। वैज्ञानिकों का कहना है कि धीरे-धीरे इसकी गति को बढ़ाकर 27 हजार किरण प्रति सैकेंड तक पहुंचाया जाएगा।किरण की तरंगदैर्घ्य इतनी कम होने का अर्थ यह है कि अब इसका प्रयोग किसी प्रक्रिया का परमाणु के स्तर पर अध्ययन करने में किया जा सकता है।
इसकी मदद से बीमारी के आधार को समझकर इलाज के नए तरीके खोजे जा सकते हैं। यूरोपीय एक्सएफईएल के प्रबंध निदेशक रॉबर्ट फीडेनहंस ने कहा, "हमने सहयोगियों के साथ मिलकर कई वर्षों के अध्ययन के बाद यह सफलता हासिल की है। इसकी सहायता से प्रयोगों की गति भी बढ़ सकेगी।"