शी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया, सदस्य देशों से मतभेद दूर करने को कहा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Sep, 2017 05:59 PM

xi kicks off brics summit ask members to shelve differences

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने आज यहां नौवें वार्षिक ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) ...

बीजिंग: चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने आज यहां नौवें वार्षिक ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए सदस्य देशों से अपने मतभेद दूर करने तथा आपसी विश्वास एवं रणनीतिक संवाद बढ़ाकर एक दूसरी की चिंताओं पर ध्यान देने को कहा।
PunjabKesariफुजियान प्रांत के दक्षिणपूर्वी शहर में 3 दिवसीय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का उद्घाटन समारोह ब्रिक्स व्यापार परिषद की बैठक के साथ शुरू हुआ। समारोह मवार चक्रवात के कारण हुई बारिश के बीच शुरू हुआ। इससे पहले मवार चक्रवात के कारण शिखर सम्मेलन की तैयारियां व्यापक रूप से बाधित हुई थीं और यातायात पर भी काफी असर पड़ा था। चक्रवात से विमान सेवाएं भी बाधित हुईं।
PunjabKesariब्रिक्स शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते समय शी ने कही ये बातें 
ब्रिक्स(ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में इन पांचों देशों के नेता एक साथ जमा होते हैं।   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बाद में श्यामन पहुंचेंगे। ब्राजील के राष्ट्रपति मिशेल टेमेर, दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी हिस्सा लेंगे।  
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शी ने अपने भाषण में ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर काफी जोर देते हुए कहा, ‘‘एक ऊंची इमारत के निर्माण का आधार उसकी नींव से शुरू होता है। हमने नींव रख दी है और ब्रिक्स सहयोग के लिए संरचना का निर्माण कर दिया है।’’उन्होंने पिछले 10 सालों में ब्रिक्स के सहयोग का खाका खींचते हुए कहा कि मतभेदों को दूर करते हुए एक दूसरे को बराबर मानना तथा सहमति के क्षेत्रों की तलाश करना सहयोग का महत्वपूर्ण हिस्सा है।  


चीनी राष्ट्रपति ने विभिन्न देशों के करीब 1,000 प्रतिनिधियों से कहा,‘‘ब्रिक्स सहयोग के लिहाज से फैसले कोई एक देश नहीं लेता बल्कि विचारविमर्श से लिए जाते हैं। हम एक दूसरे के विकास के मॉडल का सम्मान करते हैं, एक दूसरे की चिंताओं पर ध्यान देते हैं और रणनीतिक संवाद एवं पारस्परिक विश्वास को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं।’’उन्होंने कहा,‘‘राष्ट्रीय दशाओं, इतिहास, संस्कृतियों को ध्यान में देखते हुए यह स्वाभाविक है कि हमारे बीच अपने सहयोग को आगे करने में कुछ मतभेद होंगे।’’


शी ने कहा,‘‘हालांकि सहयोग में दृढ़ विश्वास एवं बढ़ते सहयोग के साथ ब्रिक्स देश अपने सहयोग को लेकर सतत प्रगति हासिल कर सकते हैं। शिखर सम्मेलन भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर हाल में खत्म हुए गतिरोध के बीच हो रहा है। दोनों देशों ने इलाके से अपने सैनिक वापस बुलाकर 73 दिन चले गतिरोध का अंत किया था। शी ने सीधे-सीधे मतभेदों की तरफ इशारा किए बिना अपने अरबों डॉलर की बेल्ट एंड रोड इनीशियेटिव (बीआरआई) की तरफ संकेत किया जिसका चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियार (सीपीईसी) एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर(पीओके) से होकर गुजरने के कारण भारत ने सीपीईसी का विरोध किया है। भारत ने मई में चीन द्वारा आयोजित बेल्ट एंड रोड फोरम(बीआरएफ)का भी बहिष्कार किया था।चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि बीआरआई किसी भूराजनैतिक एजेंडे को आगे करने का साधन नहीं है बल्कि व्यवहारिक सहयोग का एक मंच है। 

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