Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jan, 2018 12:10 PM
पहले से ही विकट हालात से जूझ रहे यमन में दक्षिणी के अदन शहर में अलगावादियों ने सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया है। यहां राष्ट्रपति अब्दरब्बुह मंसूर हादी की सेनाओं और अलगावादियों के बीच संघर्ष चल रहा है। प्रधानमंत्री अहमद बिन दागेर ने अलगाववादियों पर...
सनाः पहले से ही विकट हालात से जूझ रहे यमन में दक्षिणी के अदन शहर में अलगावादियों ने सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया है। यहां राष्ट्रपति अब्दरब्बुह मंसूर हादी की सेनाओं और अलगावादियों के बीच संघर्ष चल रहा है। प्रधानमंत्री अहमद बिन दागेर ने अलगाववादियों पर तख्तापलट के हालात पैदा करने का आरोप लगाया है। अभी तक इस संघर्ष में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है और दर्जनों लोग जख्मी हुए हैं।
यमन सरकार ने अभी अदन में अपना अस्थाई ठिकाना बनाया हुआ है क्योंकि राजधानी सना हूती विद्रोहियों के नियंत्रण में है। अभी दोनों पक्षों ने अपनी सेनाओं को रुकने के लिए कहा है। सरकारी बलों ने यमन के पड़ोसी अरब देशों से हस्तक्षेप करके मामले को सुलझाने की अपील की है। पहले से ही विकट हालात से जूझ रहे यमन में लाखों लोगों को मदद की जरूरत है, मगर ताजा संघर्ष के बाद स्थिति और खराब हो गई है।
1990 में दक्षिणी और उत्तरी यमन को मिलाकर मौजूदा यमन का गठन किया गया था, मगर अभी भी दक्षिण यमन में अलगाववादी भावना शांत नहीं हुई है। अलगाववादी अभी तक तो हूती विद्रोहियों के खिलाफ़ सरकार का समर्थन करते रहे थे, मगर कुछ सप्ताह पहले उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार और भेदभाव का आरोप लगाया , जिससे तनाव बढ़ गया।
अलगाववादियों ने प्रधानमंत्री दागेर को हटाने के लिए राष्ट्रपति हादी को कुछ दिनों की मोहलत दी थी, जिसके खत्म होने के बाद रविवार को लड़ाई शुरू हो गई। दक्षिणी अलगाववादियों को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का समर्थन हासिल है, जो हूती विद्रोहियों के खिलाफ़ लड़ रहे सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल है। प्रधानमंत्री दाग़ेर ने यूएई से तुरंत शांति के लिए क़दम उठाने के लिए कहा है और चेताया है कि इस संघर्ष से हूती विद्रोहियों को फायदा पहुंचेगा।