नवसम्वत 2075 का प्रारंभ कल से, लक्ष्मी व सुख-समृद्धि का योग बनेगा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Mar, 2018 08:14 AM

nav samvat 2075

नवसम्वत 2075 चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा का शुभारंभ 18 मार्च 2018 से हो रहा है। यही हमारा नववर्ष है, जिसे धूमधाम से मनाया जाना चाहिए। ज्योतिषी पं. एस.के. शास्त्री (भृगु, बसंत विहार जालंधर) ने कहा कि धर्मग्रंथों में

जालंधर (धवन): नवसम्वत 2075 चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा का शुभारंभ 18 मार्च 2018 से हो रहा है। यही हमारा नववर्ष है, जिसे धूमधाम से मनाया जाना चाहिए। ज्योतिषी पं. एस.के. शास्त्री (भृगु, बसंत विहार जालंधर) ने कहा कि धर्मग्रंथों में स्पष्ट लिखा है कि जिस दिन सृष्टि का चक्र विधारा ने प्रथम बार परिवर्तित किया, उसी दिन चैत्र शुक्ल एकम रविवार था, तथा इस वर्ष भी 18 मार्च 2018 को नववर्ष प्रवेश उतराभाद्र नक्षत्र में मीन राशि में होगा। इस वर्ष का राजा सूर्य देवता होंगे तथा मंत्री पद शनि को मिला है। दोनों पिता-पुत्र परस्पर एक-दूसरे के शत्रु होने से प्रजा में विरोधाभास, नेताओं व शासकों में टकराव तथा तनातनी बढ़ेगी। 


पं. एस.के. शास्त्री ने कहा कि सूर्य व शनि को पद मिलने के कारण कहीं भूकम्प व अग्रि प्रकोप होंगे तो लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ेगी। अतिवर्षा व अनावृष्टि से नुक्सान होगा। जन मानस को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। राजा सूर्य व मंत्री शनि के कारण किसी बड़े नेता या प्रशासक की मौत तथा विमान दुर्घटनाएं सामने आ सकती हैं। 


उन्होंने बताया कि 2 मार्च से 31 मार्च 2018 तक 5 शनिवार आने शुभ संकेत नहीं हैं। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा रविवार से 18 मार्च को मां दुर्गा के नवरात्रे भी शुरू होंगे, जिसमें विशेष रूप से नवदुर्गा तथा गणेश जी आदि देवताओं का आह्वान करने से धन-धान्य, लक्ष्मी व सुख-समृद्धि का योग बनेगा।

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