Edited By ,Updated: 07 May, 2017 11:32 AM
राज्य में अशांति के बीच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में इस साल लगभग 60 प्रतिशत अधिकारियों ने शामिल होने से मना कर दिया है। जानकारी के मुताबिक 2015 में 28 उम्मीदवारों ने अर्धसैनिक बलों में रिक्त पदों के लिए आयोजित की गई यूपीएससी का एग्जाम पास किया था।
जम्मू-कश्मीर: राज्य में अशांति के बीच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में इस साल लगभग 60 प्रतिशत अधिकारियों ने शामिल होने से मना कर दिया है। जानकारी के मुताबिक 2015 में 28 उम्मीदवारों ने अर्धसैनिक बलों में रिक्त पदों के लिए आयोजित की गई यूपीएससी का एग्जाम पास किया था। उन्हें 2017 में बीएसएफ में एसिसटेंट कमांडेंट की पोस्ट पर ज्वॉइन करना था, लेकिन इनमें से 16 ने ज्वॉइन करने से मना कर दिया। अब शायद ही वे इस परीक्षा में कभी बैठ पाए।
साल 2016 में इस ट्रेनिंग को 31 में से 17 ने ही शुरू किया। इसमें 2013 की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र भी शामिल थे। लेकिन 110 में से 69 ने ही ज्वॉइन किया, जबकि 15 ने ट्रेनिंग के दौरान रिजाइन कर दिया। गृह मंत्रालय के अनुसार बीएसएफ में राजपत्रित अधिकारियों की कुल 5,309 पोस्ट हैं जिनमें से 522 खाली हैं।
बीएसएफ नहीं बल्कि CISF है कैंडिडेट्स की पहली पसंद
कैंडिडेट ने बताया कि उनकी पहली पसंद बीएसएफ नही बल्कि CISF है। एक ने कहा कि CISF में शहरों में पोस्टिंग होगी, जिससे आगे की पढ़ाई भी आसानी से की जा सकेगी। वहीं दूसरे ने कहा कि बीएसएफ में शीर्ष तक नहीं जाने दिया जाता और इसमें वेतन वृद्धि भी समय से नहीं होती। अन्य उम्मीदवारों ने भी कहा कि बीएसएफ, सीआरएफ और आईटीबीपी में सभी उच्च पदों पर आईपीएस अधिकारी ही होते हैं। एक सामान्य बीएसएफ अधिकारी बड़े पद तक नहीं पहुंच सकता।