Edited By ,Updated: 29 Aug, 2016 08:50 PM
निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद सोमवार को चिनार कोर मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठते, उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें उनके 50 समर्थकों समेत गिरफ्तार कर लिया।
श्रीनगर: निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद सोमवार को चिनार कोर मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठते, उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें उनके 50 समर्थकों समेत गिरफ्तार कर लिया।
गौरतलब है कि निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने आज सेना की चिनार कोर मुख्यालय के बाहर धरना देने और उत्तरी कश्मीर के ग्रामीणों से कराई गई बेगारी के खिलाफ पुलिस में रपट दर्ज कराने का एलान किया था।
अवामी इत्तेहाद पार्टी के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में निर्दलीय विधायक के निवास पर जमा होने लगे थे ताकि एक जुलूस की शक्ल में बादामी बाग की तरफ कूच किया जाता। इससे पहले कि निर्दलीय विधायक अपने समर्थकों के साथ सेना की 15 कोर के मुख्यालय के बाहर धरना देने के लिए निकल पाते, पुलिस ने जवाहरनगर स्थित उनके मकान को घेर लिया। पुलिस ने विधायक व उनके साथियों को एहतियातन हिरासत में ले राजबाग पुलिस स्टेशन की हवालात में बंद कर दिया।
इजीनियर रशीद के प्रवक्ता इनाम उन नबी ने कहा कि यह कोई रहस्य नहीं है कि सेना ने उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे गांवों के ग्रामीणों से एक लंबे अर्से तक बेगारी ली है। हमने इस संदर्भ में राज्य मानवाधिकार आयोग में एक याचिका भी दायर की है। राज्य पुलिस की सी.आई.डी शाखा ने भी अपनी रिपोर्ट में सेना द्वारा बेगारी की घटनाओं की पुष्टि की है। खुद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में इसका दावा किया है। उन्होंने कहा कि अवामी इत्तेहाद पार्टी के चेयरमैन इंजी. रशीद आज इसी संदर्भ में कोर मुख्यालय के बाहर धरना देने और राम मुंशीबाग पुलिस स्टेशन में सेना के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज कराने वाले थे। सेना को अपनी इन गलतियों के लिए माफी मांगते हुए न सिर्फ दोषी अधिकारियों को दंड देना चाहिए बल्कि पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा भी देना होगा।