Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jul, 2017 05:03 PM
घाटी में बढ़ रहे तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर में आपसी सौहार्द देखने को मिला।
श्रीनगर : घाटी में बढ़ रहे तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर में आपसी सौहार्द देखने को मिला। एकता का संदेश देते हुए यहां के पुलवामा जिले में करीब 3000 लोगों ने मिल कर एक स्थानीय कश्मीरी पंडित का अंतिम संस्कार किया। आपको जानकर हैरानी होगी कि इनमें से अधिकतर लोग मुस्लिम थे। त्रिचल गांव के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने 50 साल के तेज किशन का हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करवाया।
स्थानीय लोगों के अनुसार किशन लंबे समय से बीमार था। जैसे ही उसकी मौत की खबर मिली, उसके पड़ोसियों ने मस्जिद के लाऊडस्पीकर से पूरे इलाके को इसकी सूचना दी। किशन के भाई जानकी नाथ पंडित ने बताया यही असली कश्मीर है व यही हमारी सभ्यता और भाईचारा है। हम भेदभाव और बांटने वाली राजनीति में भरोसा नहीं करते।
नब्बे के दशक में जब पंडित समुदाय कश्मीर के अधिकांश इलाकों को छोड़ कर जा रहा था, उस समय किशन और उनका परिवार यहीं रुक गया था। किशन के पड़ोसी मोहम्मद यूसुफ ने कहा कि किशन के अंतिम संस्कार की ज्यादातर रस्में मुस्लिमों ने पूरी कीं। यहां आए 99 फीसदी लोग मुस्लिम थे। चिता पर लेटाने और आग लगाने से लेकर लकड़ी काटने तक का काम मुस्लिमों ने किया है।