Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jul, 2017 01:29 PM
यूनाइटिड सिख काऊंसिल जे. एंड के. ने राज्य में पंजाबी भाषा को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल न किए जाने पर विरोध प्रदर्शन किया। काऊंसिल के सदस्यों ने नैशनल हाईवे को अवरुद्ध कर अपनी नाराजगी जताई। प्रदर्शन
श्रीनगर: यूनाइटिड सिख काऊंसिल जे. एंड के. ने राज्य में पंजाबी भाषा को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल न किए जाने पर विरोध प्रदर्शन किया। काऊंसिल के सदस्यों ने नैशनल हाईवे को अवरुद्ध कर अपनी नाराजगी जताई। प्रदर्शनकारियों ने पंजाबी भाषा के साथ भेदभाव करने के चलते सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व काऊंसिल के प्रधान कुलदीप सिंह ने किया। उनका आरोप है कि राज्य सरकार पंजाबी भाषा को अनदेखा कर रही है। सरकार ने साजिश के तहत पंजाबी भाषा को स्कूलों से बाहर कर दिया है। उनका कहना है कि अन्य कई भाषाओं को उचित सम्मान दिया जा रहा है और पंजाबी भाषा के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने पंजाबी भाषा को भी पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया तो वे लोग चुप नहीं बैठेंगे तथा उग्र आंदोलन करेंगे।
वहीं मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने हाईवे पर उतरे प्रदर्शनकारियों को शांत किया एवं आश्वासन दिया कि वह उत्तराधिकारियों एवं नेताओं से इस बारे में बात करेंगे, जिसके बाद लोग शांत हुए और हाईवे पर यातायात सेवा बहाल हो पाई। इस अवसर पर मंजीत सिंह, बलवीर सिंह, माखन सिंह, हरभजन सिंह, मोहिन्द्र सिंह, रंजीत सिंह, गुरजीत सिंह, अनमोल सिंह, अमरजीत सिंह, सुरेंद्र सिंह, मंजीत सिंह सहित भारी संख्या में सिख समुदाय के लोग उपस्थित थे।