Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jul, 2017 05:19 PM
डाक्टर एसोसिएशन ऑफ कश्मीर (डाक) ने इस धारणा को गलत करार दिया है जिसमें हुक्के को सिगरेट के मुकाबले एक सुरक्षित विकल्प कहा गया है।
श्रीनगर : डाक्टर एसोसिएशन ऑफ कश्मीर (डाक) ने इस धारणा को गलत करार दिया है जिसमें हुक्के को सिगरेट के मुकाबले एक सुरक्षित विकल्प कहा गया है। डाक के अध्यक्ष डा. निसार उल हसन ने कहा कि सिगरेट की तुलना में हुक्के का धुआं ज्यादा कैंसरकारी है। हुक्के के धुएं में सिगरेट के धुएं के मुकाबले अधिक कैंसर पैदा करने वाले रसायनों का मिश्रण होता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि एस.के.आई.एम.एस. में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक हुक्के से धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना 6 गुना अधिक होती है।
हुक्का धूम्रपान केवल उपयोगकर्ताओं को प्रभावित नहीं करता है, बल्कि उनके आसपास के लोग भी प्रभावित होते हैं। वहीं धूम्रपान करने वाले लोगों में कैंसर, हृदय और फेफड़ों की बीमारी के साथ-साथ गर्भावस्था के दौरान प्रतिकूल प्रभावों का भी खतरा बढ़ जाता है।