शहीदी दिवस : लोगों ने रक्तदान कर लाला जगत नारायण जी को याद किया

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Sep, 2017 11:26 AM

people remembered lala jagat narayan ji by donating blood

जम्मू मंडल आयुक्त डा. मनदीप कुमार भंडारी ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम और आजादी मिलने के बाद समाज उत्थान में अमर शहीद लाला जगत नारायण जी का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने यह बात हिन्द समाचार-पंजाब केसरी समाचार पत्र समूह के संस्थापक एवं...

श्रीनगर : जम्मू मंडल आयुक्त डा. मनदीप कुमार भंडारी ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम और आजादी मिलने के बाद समाज उत्थान में अमर शहीद लाला जगत नारायण जी का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने यह बात हिन्द समाचार-पंजाब केसरी समाचार पत्र समूह के संस्थापक एवं स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद लाला जगत नारायण जी के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को गवर्नमैंट मैडीकल कालेज में आयोजित रक्तदान शिविर का उद्घाटन करते हुए कही। मंडल आयुक्त डा. मनदीप कुमार भंडारी व लाला जी के सहयोगी रहे पूर्व मंत्री एवं नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर रणधीर सिंह ने लाला जगत नारायण जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर इस शिविर का उद्घाटन किया।


शिविर में राज्य सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त जम्मू-कश्मीर किसान विकास सलाहकार बोर्ड के वाइस चेयरमैन दलजीत सिंह चिब और भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव सिंह बिलौरिया सहित 41 लोगों ने रक्तदान कर लाला जगत नारायण जी को याद किया। मंडल आयुक्त ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान तो लाला जगत नारायण जी ने कई बार जेल यात्रा की, लेकिन आजादी के बाद भी उनका संघर्ष कम नहीं हुआ। पंजाब में कैबिनेट मंत्री सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित करने वाले लाला जी ने कभी अपने उसूलों के साथ समझौता नहीं किया। इस दौरान उन्हें कई बार विपरीत परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन वह अडिग रहे। उन्होंने पंजाब में आतंकवाद का भी पूरी मजबूती के साथ सामना किया और 9 सितम्बर, 1981 को आतंकवाद का सामना करते हुए ही उन्होंने वीरगति प्राप्त की। अब पंजाब केसरी के वर्तमान चेयरमैन श्री विजय कुमार चोपड़ा जी लाला जी के अधूरे सपनों को साकार करने में जुटे हुए हैं। 

 

डा. भंडारी ने कहा कि लाला जी को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके दिखाए रास्ते पर चलें। रक्तदान को महादान कहा जाता है, क्योंकि इसका कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में, पंजाब केसरी ने लाला जी के शहीदी दिवस पर रक्तदान शिविर का आयोजन कर बेहद सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने लाला जी को श्रद्धांजलि अर्पित की और  इस शिविर के लिए ‘पंजाब केसरी परिवार’ को बधाई दी।


अनेक नेताओं ने दी पुष्पांजलि: 
जम्मू के गवर्नमैंट मैडीकल कालेज में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अमर शहीद लाला जगत नारायण जी को पुष्पांजलि अर्पित की। इसमें भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं जम्मू वैस्ट विधायक सत शर्मा, जम्मू-कश्मीर किसान विकास सलाहकार बोर्ड के वाइस चेयरमैन दलजीत सिंह चिब, नैशनल कांफ्रैंस के जम्मू संभागीय अध्यक्ष एवं नगरोटा विधायक देवेंद्र सिंह राणा, पूर्व मंत्री एवं नैशनल पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह, भाजपा अनुसूचित जनजाति के प्रदेशाध्यक्ष डा. ताहिर चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव सिंह बिलौरिया, पी.डी.पी. महासचिव एवं एम.एल.सी. वेद महाजन, पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ नैशनल कांफ्रैंस नेता ठाकुर रछपाल सिंह, इंडियन रैडक्रॉस सोसायटी में जम्मू संभाग के मनोनीत सचिव आर.सी. पुरी, रैडक्रॉस सोसायटी के कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व जिला सचिव दिनेश गुप्ता, गवर्नमैंट मैडीकल कालेज की प्रिंसिपल डा. सुनंदा रैना, ब्लड बैंक के विभागाध्यक्ष डा. विजय साहनी, सी.एम.ओ. डा. राजेंद्र थापा और युवा कांग्रेस नेता गौरव चोपड़ा आदि प्रमुख रहे।

 
वीरेन्द्र ने किया 56वीं बार रक्तदान :
रक्तदान शिविर में राजौरी जिले के सुंदरबनी निवासी वीरेन्द्र सिंह सुपुत्र रत्न सिंह ने 56वीं बार रक्तदान किया। उन्होंने बताया कि वह 1994 से निरंतर विभिन्न शिविरों में स्वैच्छिक रक्तदान कर रहे हैं। इसके अलावा आपातकाल में जरूरत पड़ने पर उन्होंने आर्मी अस्पताल ऊधमपुर, अमृतसर, लुधियाना के अलावा गवर्नमैंट मैडीकल कालेज जम्मू में रक्तदान कर लोगों की सहायता की है।


लाला जी का पूरा जीवन प्रेरणा का स्रोत रहा : ठा. रणधीर 
अमर शहीद लाला जगत नारायण जी के निकट सहयोगी रहे पूर्व मंत्री एवं नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर रणधीर सिंह ने कहा कि लाला जी का पूरा जीवन ही प्रेरणा का स्रोत रहा है। लाला जी से उनकी पहली मुलाकात वर्ष 1954 में उस समय हुई, जब वह डी.ए.वी. कालेज जालन्धर में पढ़ते थे। उन्हीं की प्रेरणा से उन्होंने (ठा. रणधीर सिंह) छात्र राजनीति में प्रवेश किया। फिर वर्ष 1962 में विधायक और 1967 में मंत्री बने। मंत्री बनने के बाद भी उन्होंने लाला जी का साथ नहीं छोड़ा और कदम-कदम पर लाला जी से मार्गदर्शन प्राप्त करते रहे। ठा. रणधीर सिंह ने कहा कि लाला जगत नारायण जी का स्वतंत्रता संग्राम में तो योगदान अभूतपूर्व है ही, आजादी के बाद जब पाकिस्तान के साथ लड़ाई हुई, तब भी जम्मू जिले के चिकन नैक क्षेत्र में सीमा पर पहुंच कर उन्होंने सेना के जवानों का हौसला बढ़ाया।

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