Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Feb, 2018 10:25 AM
जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के शहर ए खास और पुराने इलाके में अलगाववादियों की ओर से आहूत हड़ताल के बाद लगी कर्फ्यू जैसी पाबंदियों को हटा लिया गया है। यह हड़ताल श्रीनगर की जेल में बंद कैदियों को घाटी की जेलों से बाहर भेजने और बडगाम...
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के शहर ए खास और पुराने इलाके में अलगाववादियों की ओर से आहूत हड़ताल के बाद लगी कर्फ्यू जैसी पाबंदियों को हटा लिया गया है। यह हड़ताल श्रीनगर की जेल में बंद कैदियों को घाटी की जेलों से बाहर भेजने और बडगाम में हुर्रियत कांफ्रेंस के एक वरिष्ठ नेता की हत्या के विरोध में की गई थी।
पुलिस ने बताया कि शहर के किसी अन्य हिस्से में किसी किस्म की पाबंदी की सूचना नहीं है। हड़ताल के दौरान कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुराने इलाकों में एम आर गंज, नौहट्टा, रैनावाड़ी, सफा कदल और खानयार तथा शहर ए खास में कल सुबह से धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगायी गयी थी। इसी तरह की पाबंदियां पुराने शहर के करालखुर्द और सिविल लाइंस के मैसुमा में भी लगायी गयी थी। हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक के गढ ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के सभी दरवाजे आज खोल दिये गये।
जामिया बाजार और उसके आसपास के इलाकों में तैनात सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस के जवानों को हटा लिया गया। नल्लामार रोड पर लगाए गए कंटीले तारों को हटा लिया गया है और यातायात सामान्य हो गया है। दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी खुले रहें। ताराबल नवा कदल से खानयार क्रॉसिंग के बीच मुख्य नल्लामार रोड पर तैनात सुरक्षाबलों को वापस बुला लिया गया है।
इसके अलावा नवा कदल, राजौरी कदल, कावद्वारा और खानयार से सुरक्षा बलों को हटा लिया गया है। सिविल लाइंस, मौलाना आजाद रोड, ऐतिहासिक लाल चौक, बादशाह चौक और अमीरा कदल में हालांकि सुरक्षा बलों को अब भी तैनात रखा गया है।