Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jun, 2017 01:14 PM
घाटी में किसी भी जगह पर रोनक ना होने से एक और टूरिस्ट सीजन तबाह हो गया है। अमरनाथ यात्रा शुरू होने को है लेकिन बाबा के भक्त यहां आएं या ना आएं इस बात को लेकर पसोपेश में हैं।
श्रीनगर : घाटी में किसी भी जगह पर रोनक ना होने से टूरिस्ट सीजन तबाह हो गया है। अमरनाथ यात्रा शुरू होने को है लेकिन बाबा के भक्त यहां आएं या ना आएं इस बात को लेकर उलझन में फंसे हुए हैं। कश्मीरियों के लिए कभी कमाई के ये सबसे सुनहरे दिन होते थे लेकिन अब दहशत के कारण होटलों के कम दाम होने पर भी यहां कोई आने को तैयार नहीं है।
कर्फ्यू में पैसे कमाने का सबसे आसान जरिया पत्थरबाजी
हालात बिगड़ने की सबसे बड़ी वजह यह रही कि यहां सरकारें लोगों में भरोसा नहीं जगा पाई। बेकारी और बेरोजगारी ने लोगों को पत्थरबाज बना दिया। कई-कई दिनों तक रहने वाले कर्फ्यू और बंद के बीच पैसा कमाने का सबसे सरल जरिया पत्थरबाजी ही रह गया। इस मुश्किल घड़ी में रियासत के राजनेता जनता से कोसों दूर रहे। किसी भी दल के नेताओं ने जनता की तकलीफों को समझने और उन्हें बांटने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसी बेरुखी ने आग में घी डालने का काम किया है जिससे घाटी के हालात काफी बदतर हो गए हैं।