सुरक्षाबलों से बचने के लिए युवकों ने झेलम नदी में लगाई छलांग

Edited By ,Updated: 27 Aug, 2016 06:30 PM

youth jumped in jhelum

श्रीनगर:  दक्षिण कश्मीर में प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाबलों से बचने के लिए युवकों ने झेहलम नदी में छलाई लगाई जिसके कारण एक युवक की मौत हो गई।

दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग जिला के मरहामा संगम इलाके में शनिवार को लोग सडक़ों पर उतर आए और झेहलम नदी से एक स्थानीय युवक का शव बरामद किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। स्थानीय लोगों के अनुसार गत रात इलाके में प्रदर्शन के दौरान सी.आर.पी.एफ. और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों का पीछा किया जिसके दौरान तीन युवकों ने नदी में छलांग लगाई। हालांकि, दो युवक बच निकले जबकि आज सुबह एक युवक का शव बरामद किया गया। मृतक की पहचान शहनवाज अहमद खताना पुत्र मोहम्मद इकबाल निवासी डूडू मरहामा के रुप में हुई है। लोगों ने सी.आर.पी.एफ. और पुलिस पर युवक की हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि सुरक्षाबलों से खुद को बचाने के लिए युवक ने झेहलम नदी में छलांग लगाई थी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि युवक के शव को आज सुबह बरामद किया गया। हालांकि, स्थानीय लोगों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस को नही सौंपा।


सी.आर.पी.एफ . के प्रवक्ता राजेश कुमार ने कहा कि युवकों को यह नहीं कहा गया था कि वह नदी में छलांग लगा दें। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वह हिंसा से दूर रहकर अपनी पढाई पर ध्यान दें।
इस बीच प्रदर्शनकारियों ने संगम इलाके में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करके प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आजादी समर्थक और भारत विरोधी नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल थी।

इस बीच अशांति पर नियंत्रण पाने के लिए 400 लोगों की लिस्ट तैयार की गई है जिनके खिलाफ पहले से कार्रवाई भी शुरु कर दी गई है। हुरियत कांफ्रैंस (एम) चेयरमैन मीरवायज उमर फारुक को 50 दिनों की अशांति के दौरान पहली बार हिरासत में लेकर जेल में बंद कर दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सूची में उन स्थानीय नेताओं के नाम है जो 10 से 12 साल के मासूम बच्चों को भी हिंसा के लिए उकसाते हैं। किशोर और युवाओं के साथ इन बच्चों को भी पत्थर फेंकने के लिए उकसाया जाता है। इनमें से ज्यादातर दक्षिणी कश्मीर के अंडरग्राउंड कार्यकर्ता भी हैं जो आतंकियों को छिपाने और अपने घर में पनाह देने का काम करते हैं।

सुरक्षा एजेंसियों ने राज्य पुलिस को इन नामों की सूची सौंप दी है और इन्हें तत्काल पकडऩे का आदेश जारी किया है। जन सुरक्षा कानून के तहत इन नेताओं को हिरासत में लेने का भी निर्देश जारी किया गया है। कश्मीर में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भडकी अशांति में अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, कारोबार के हिसाब से राज्य को रोजाना 135 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। कश्मीर के हालात पर बातचीत के लिए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुलाकात की।
खुफिया अधिकारियों का कहना है कि इस लिस्ट में हिजबुल मुजाहिदीन के अंडरग्राउंड कमांडर और दूसरे आतंकी संगठनों के लिए काम करने वाले शामिल हैं। इसके अलावा स्थानीय स्तर के संगठनों के साथ अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत और जमात-ए-इस्लामी संगठन के सदस्य भी सुरक्षा एजेंसियों के रेडार पर हैं।


इससे पहले मीरवायज उमर फारुक को गत रात उनके निवास के बाहर गिरफतार करके चश्मा शाही में उप जेल में बंद कर दिया गया। मीरवायज की गिरफतारी की निंदा करते हुए हुरियत (एम) प्रवक्ता ने कहा कि मीरवायज ने उनको गत रात शाम के 6.30 बजे फोन किया और उनको सूचित किया कि उनको नगीन पुलिस स्टेशन से किसी अज्ञात स्थान में शिफ्ट किया गया है। उसके बाद मीरवायज से संपर्क नहीं हो पाया और उनके बारे में कोई जानकारी नही होने की वजह से उनको चिंता हुई। वहीं, रात के 9 बजे के करीब पुलिस ने मीरवायज के परिवार सदस्यों को उनके कपडे देने के लिए कहा और उनको सूचित किया गया कि मीरवायज को हिरासत में लेकर चश्मा शाही के उप जेल में बंद कर दिया गया है।
इससे पहले गत रात ईदगाह चलो मार्च से पहले मीरवायज को उनके निवास के बाहर गिरफतार करके नगीन पुलिस स्टेशन में बंद कर दिया गया था।
इस बीच कश्मीर अशांति से निपटने के लिए केंद्रीय सरक्षा एजेंसियों ने 400 स्थानीय नेताओं की सूची बनाने के साथ ही कार्यवाही शुरू कर दी है। अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनको चश्मा शाही के उप जेल में बंद कर दिया गया है। इन नेताओं पर विरोध-प्रदर्शन की घटनाओं में आग में घी डालने का काम करने का आरोप है। 
अशांति का असर राज्य सरकार के खजाने पर भी पड़ा है। जम्मू.कश्मीर सरकार को पिछले डेढ़ महीने में करीब 300 करोड़ का नुकसान हुआ। इसी तरह राज्य सरकार को सेल टैक्स या लेवी के जरिए जो रेवेन्यू मिलता था, वो भी बंद है। डल झील में अब शिकारी नहीं के बराबर दिखते हैं। हिंसा के वजह से टूरिस्ट कश्मीर आने से बच रहे हैं। टूरिस्ट्स से रोजी कमाने वाले बुरी तरह परेशान हैं। यही हाल होटल्स और हाउसबोट्स का भी है। जब तक हालात नहीं सुधरेंगे तब तक टूरिज्म डिपार्टमेंट भी कुछ नहीं कर पाएगा।



 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!