Edited By ,Updated: 07 Oct, 2016 03:18 PM
आज से समय में भी कई लोग है जो छींक को अशुभ मानते हैं। ज्योतिष अौर शास्त्रों के अनुसार छींक बहुत शुभ मानी जाती है। चिकित्सा विज्ञान
आज से समय में भी कई लोग है जो छींक को अशुभ मानते हैं। ज्योतिष अौर शास्त्रों के अनुसार छींक बहुत शुभ मानी जाती है। चिकित्सा विज्ञान के नजरिए से छींक आना एक सामान्य मानवीय प्रक्रिया है। सर्दी, जुकाम के कारण छींक आए तो इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। आइए जानें छींक का आना कब शुभ होता है-
* कार्य पर जाते समय यदि कोई पीछे से छींक दे तो काम अवश्य पूर्ण होता है।
* नए वस्त्र पहनते समय कोई छींक दे तो यह दुगुनी खुशी मिलने का संकेत है। इसका अर्थ होता है कि शीघ्र ही नए वस्त्र मिलने वाले हैं।
* दुर्घटनावश अशुभ प्राकृतिक संकेत को देखते समय छींक आ जाए तो इससे सभी अशुभ असर दूर हो जाते हैं।
* शुभ कार्य करते समय छींक देने पर काम के पूरा होने में बाधा रहती है। यदि उस समय दो छींक आ जाए तो कार्य अच्छे से होता है।
* यदि कोई मरीज दवा ले रहा हो और छींक आ जाए तो वह शीघ्र ही ठीक हो जाता है।
* भोजन करने से उपरांत छींकना शीघ्र स्वादिष्ट भोजन मिलने का संकेत है।
इसके अतिरिक्त सभी छीकें अशुभ अौर अपशकुन करने वाली होती है। जब ऐसे अपशकुन हो उस समय ऊँ राम रामेति शांति शांति का जप कर लेना चाहिए या किसी मंदिर में प्रसाद चढ़ाकर बांट दें। ऐसा करने से छींक का दुष्प्रभाव खत्म हो जाता है।