Edited By ,Updated: 21 Nov, 2015 10:48 AM
कल यानि 22 नवंबर, रविवार को देवप्रबोधिनी एकादशी है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से देवप्रबोधिनी एकादशी तक पाताल में बलि के महल में विश्राम करते हैं।
कल यानि 22 नवंबर, रविवार को देवप्रबोधिनी एकादशी है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से देवप्रबोधिनी एकादशी तक पाताल में बलि के महल में विश्राम करते हैं। कल भगवान विष्णु नींद से जागेंगे। आप अपने पुण्यों का खाता खोलना चाहते हैं तो कल का दिन सर्वोत्तम है इसलिए व्रत, हवन, दान, श्रीहरिनाम संकीर्तन, भगवद्कथा के श्रवण व कीर्तन का अन्य दिनों से अधिक फल प्राप्त होगा।
व्रत करने का संकल्प कर सच्चे भाव से व्रत करना चाहिए । एकादशी व्रत से बढ़कर अन्य कोई यज्ञ, तप, दान या पुण्य नहीं है। सूर्योदय से पूर्व उठकर प्रभु का पूजन करें। श्रेष्ठ ब्राह्मणों को भोजन करवाकर उन्हें दान दें। व्रत में राधिका सहित भगवान श्री कृष्ण और लक्ष्मी जी सहित भगवान विष्णु का विधिपूर्वक पूजन करें। मंदिर में दीपदान करने तथा हरिनाम संकीर्तन करने से बड़ा व्रत में कोई कर्म नहीं है।
शास्त्रों के अनुसार, एकादशी तिथि पर कुछ ऐसे काम हैं जो नहीं करने चाहिए अन्यथा अनजाने में पाप के भागीदार बन जाते हैं आप
1. पान खाना
2. जुआ खेलना
3. रात में सोना
4. दातून करना
5.दूसरों की बुराई करना
6. चोरी करना
7. चुगली करना
8. हिंसा करना
9. क्रोध करना
10. स्त्री संग
11. झूठ बोलना