Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Sep, 2020 09:52 AM
पूर्णिमा के श्राद्ध से पितृपक्ष का प्रारंभ हो चुका है। आने वाली 17 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या अर्थात सर्वपित्री श्राद्ध तक लोग अपने पितृगण के निमित्त तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध और दान-पुण्य करते रहेंगे तथा सभी शुभकार्यों पर विराम लगा रहेगा।
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Gajlaxmi Vrat 2020: पूर्णिमा के श्राद्ध से पितृपक्ष का प्रारंभ हो चुका है। आने वाली 17 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या अर्थात सर्वपित्री श्राद्ध तक लोग अपने पितृगण के निमित्त तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध और दान-पुण्य करते रहेंगे तथा सभी शुभकार्यों पर विराम लगा रहेगा। शास्त्रानुसार संपूर्ण पितृपक्ष में एकमात्र शुभ दिन माना जाता है महालक्ष्मी स्वरुप गजलक्ष्मी पर्व व्रत। यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि 16 दिन के पितृपक्ष के दौरान कोई भी शुभकार्य या खरीदारी वर्जित मानी गई है तथा महालक्ष्मी पर्व व्रत ही एकमात्र ऐसा अवसर है, जिस दिन कोई भी शुभकार्य किया जा सकता है अथवा खरीदारी की जा सकती है।
Mahalaxmi vrat- महालक्ष्मी पर्व व्रत का महत्व: पितृपक्ष के इन 16 दिनों में अश्विन कृष्णपक्ष की अष्टमी को सर्वाधिक शुभ माना जाता है। अश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि को महालक्ष्मी जी के स्वरुप गजलक्ष्मी का दिवस माना गया है। पूरे पितृपक्ष में एकमात्र अष्टमी तिथि ही ऐसी है जिस दिन जरूरत पड़ने पर सर्व प्रकार के शुभकार्य किए जा सकते हैं तथा विवाह की खरीदारी हेतु भी यह तिथि उपयुक्त मानी गई है। अतः सोने, चांदी, बर्तन और कपड़े आदि की खरीदारी की जा सकती है। शास्त्रानुसार इस दिन माता लक्ष्मी के गजलक्ष्मी रूप की पूजा-अर्चना कर उनका व्रत किया जाता है। आज की गई खरीदारी समृद्धिकारक रहेगी। इस दिन धन स्वरुप में पूजित महालक्ष्मी की आराधना के साथ व्रत का आरंभ सुबह विधिवत पूजन के साथ होगा।
आज अश्विन मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि है। शास्त्रों के अनुसार गजलक्ष्मी पूजन पर्व मनाए जाने का विधान है। इस दिन किया गया कोई भी कार्य आरम्भ करने पर शुभ फलदायक होता है क्योंकि इस दिन देवता धरती पर विराजमान होते हैं। सोने-चांदी की खरीद, जमीन-जायदाद संबंधित कार्य तथा शुभकार्य किए जा सकते हैं।
क्या कर सकते हैं आज के दिन:
सोने चांदी तांबे की खरीदारी की जा सकती है।
विवाह हेतु कपड़े की खरीदारी की जा सकती है।
विवाह की बात चलाई जा सकती है तथा लड़का-लड़की को देखने जाया जा सकता है।
जमीन जायदाद संबंधित बात चलाई जा सकती है। प्रोपर्टी को देखने जा सकते हैं।
देव पूजन किया जा सकता है।
लोहे-लक्कड़ का सामान खरीदा जा सकता है।
इलैक्ट्रोनिक्स की खरीदारी की जा सकती है।
शौर्य कर्म और सौंदर्य कर्म किए जा सकते हैं अर्थात पुरुष बाल और दाड़ी कटवा सकते हैं तथा स्त्रियां ब्यूटी पार्लर जा सकती है।