Edited By ,Updated: 02 Oct, 2015 01:22 PM
मंत्र एक शक्ति है और जाप उसका एक विधान, इसकी सिद्धि साधक की निष्ठा और आचरण पर निर्भर करती है। जप तभी सफल होता है, जब
मंत्र एक शक्ति है और जाप उसका एक विधान, इसकी सिद्धि साधक की निष्ठा और आचरण पर निर्भर करती है। जप तभी सफल होता है, जब वह सही विधान और निःस्वार्थ भाव से किया जाए।
विश्वामित्र संहिता में कहा गया है," विचार, मंत्र में बर्हिमुखी होने पर साधक की वृत्ति और अंतर्मुखी होने पर साधक की शक्तियां बन जाती हैं। उपास्य देवता बाह्य और अंतस्थ दोनो रुप में होते हैं।"
मंत्र जाप करने वाले का मन जितना पावन होता चला जाता है, इष्ट कृपा उसी रूप में, उसे प्राप्त होती चली जाती है।
लक्ष्मी माता की प्रसन्नता के लिए : गूलर की जड़ को वस्त्र में लपेट कर चांदी के ताबीज में भरकर अपनी बाजू पर बांधें तो आर्थिक स्थिति सुदृढ़ रहेगी। लक्ष्मी प्रसन्न होंगी और भाग्य सदा आपके साथ रहेगा।
मंत्र जपें ॐ श्रीं ऐश्वर्य लक्ष्मयै हृीं नम:।