Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Nov, 2017 11:33 AM
मूडीज की ईज ऑफ डूइंग रैंकिंग्स लिस्ट में भारत को 30 पायदान उछाल मिलने के बाद मोदी सरकार एक नए टार्गेट में जुट गई है। मोदी सरकार ‘एक अरब-एक अरब-एक अरब’ के विजन को पूरा करने की हर कोशिश कर रही है। विजन के हिसाब में एक अरब आधार नंबरों को एक अरब बैंक...
नई दिल्ली : मूडीज की ईज ऑफ डूइंग रैंकिंग्स लिस्ट में भारत को 30 पायदान उछाल मिलने के बाद मोदी सरकार एक नए टार्गेट में जुट गई है। मोदी सरकार ‘एक अरब-एक अरब-एक अरब’ के विजन को पूरा करने की हर कोशिश कर रही है। विजन के हिसाब में एक अरब आधार नंबरों को एक अरब बैंक खातों और एक अरब मोबाइल से ङ्क्षलक करने का प्लान बनाया जा रहा है। दरअसल मूडीज की ओर से जी.एस.टी., नोटबंदी और आधार लिंक की तारीफ की गई है तथा इसी एवज में केंद्र सरकार अपने इस प्लान पर जोर देने लगी है।
‘वन प्लस-वन प्लस-वन प्लस’ के इस विजन को हासिल करने की अटकलें सरकारी विभाग में गूंजने लगी हैं, हालांकि इसे पूरा करने की कोई तारीख तय नहीं की गई है। सरकार के इस प्लान पर जोर देने का एक कारण है, 6 लाख करोड़ रुपए के बड़े नोटों का चलन से बाहर होना। पिछले साल पी.एम. मोदी ने जब नोटबंदी का ऐलान किया था उस वक्त नोटों की कीमत 15.44 लाख करोड़ रुपए थी जो इस साल सितम्बर तक 12 लाख करोड़ रुपए रह गई।
अगर नोटबंदी नहीं लागू होती तो इन बड़े नोटों की कीमत करीब 18 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकती थी लेकिन अब वह घटकर 6 लाख करोड़ रह गई है। नोटबंदी और जी.एस.टी. जैसे कदमों के चलते पिछले कुछ महीनों में केंद्र सरकार को विरोधियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन मूडीज की ओर से सकारात्मक पहलू आने के बाद सरकार को मजबूत स्थिति मिली है। मूडीज की मानें तो सरकार के ये कदम अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाले