2G घोटाला: जज ओपी सैनी की इस टिप्पणी से CBI और सरकार को हो सकती है परेशानी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Dec, 2017 08:24 PM

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2G घोटाले में फैसला सुनाने वाली सीबीआई कोर्ट के विशेष जज ओपी सैनी ने इस केस को लेकर जो टिप्पणी की है वो सरकार की कार्रवाई पर एक गंभीर आरोप है। इतना ही नहीं उनकी टिप्पणी से सीबीआई व सरकार को परेशानी भी हो सकती है। अपनी टिप्पणी में ओपी सैनी ने कहा है...

नेशनल डेस्क, आशीष पाण्डेय: 2G घोटाले में फैसला सुनाने वाली सीबीआई कोर्ट के विशेष जज ओपी सैनी ने इस केस को लेकर जो टिप्पणी की है वो सरकार की कार्रवाई पर एक गंभीर आरोप है। इतना ही नहीं उनकी टिप्पणी से सीबीआई व सरकार को परेशानी भी हो सकती है। अपनी टिप्पणी में ओपी सैनी ने कहा है कि "उन्होंने साल 2011 से लगातार सात साल तक बिना छुट्टी लिए इस केस मे सबूत ढूंढा लेकिन सब बेकार गया। उन्होंने कहा कि केस का आधार ही गॉशिप, अफवाह और अटकलों पर आधारित था।"

यह है जज की टिप्पणी
2G घोटाले की केसी सुनवाई के दौरान 1552 पेज के अपने फैसले में जज सैनी ने लिखा है, “पिछले लगभग सात साल, सभी वर्किंग डेज जिसमें गर्मी की छुट्टी भी शामिल है, मैं लगातार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक ओपन कोर्ट में बैठकर इंतजार करता रहा ताकि कोई भी मामले से जुड़ा वैध सबूत लाकर दे लेकिन सब बेकार गया।” जज सैनी ने आगे लिखा है, “मामले में एक भी गवाह टर्नअप नहीं हुआ। इसका मतलब साफ था कि सभी लोग अटकलों, अफवाहों और गॉशिप के पीछे भाग रहे थे, जबकि पब्लिक परसेप्शन का कानूनी प्रक्रियाओं में कोई महत्व नहीं होता है।”

सबकी नजरें यहीं थी
जज ने लिखा है कि इस केस की सुनवाई ने अक्सर बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है और सभी लोग कोर्ट की टिप्पणी और फैसलों पर नजरें गड़ाए रहते थे। कोर्टरूम में भी सुनवाई के दिन अक्सर भीड़ जमा हो जाती थी। जज ने अपने फैसले में उन दर्जन भर लोगों के बारे में भी लिखा है जिन्होंने लिखित आवेदन देकर मामले में अतिरिक्त आरोपियों को बुलाने और पूछने का दवाब बनाया था। जिन्हें सीबीआई छोड़ चुकी थी। लेकिन इनमें से एक भी आवेदन के पास लीगल मैटेरियल नहीं था। इनमें से कुछ ने जो मैटेरियल दिया था वो पहले से ही कोर्ट प्रोसिडिंग में मौजूद थे।

विपक्ष में रही बीजेपी ने बताया था सबसे बड़ा घोटाला
दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने गुरुवार (21 दिसंबर) को 1.76 लाख करोड़ रुपये के 2G घोटाले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार के समय स्‍पेक्‍ट्रम आवंटन में 1.76 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने की बात तत्कालीन सीएजी विनोद राय ने उठाई थी। तब विपक्ष में रही बीजेपी ने इसे घोटाला कहा था। इसमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और द्रमुक सांसद कनीमोई के अलावा अन्‍य को भी आरोपी बनाया गया था। आरोपियों के खिलाफ सीबीआई के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मामला दर्ज किया था।

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