आज का गुडलक: चंद्रमा बरसाएंगे अमृत, आप बनेंगे हैल्थी और हैप्पी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 07:40 AM

आज सोमवार दी॰ 06.11.17 को मार्गशीर्ष महीने के पहले सोमवार व रोहिणी नक्षत्र के उपलक्ष में चंद्रदेव का पूजन श्रेष्ठ रहेगा। भगवद्गीता के दशम अध्याय में श्रीकृष्ण ने अपनी 56 विशिष्ट विभूतियों का उल्लेख करते हुए कहा है कि मैं संवत्सर मेंं मार्गशीर्ष माह...

आज सोमवार दी॰ 06.11.17 को मार्गशीर्ष महीने के पहले सोमवार व रोहिणी नक्षत्र के उपलक्ष में चंद्रदेव का पूजन श्रेष्ठ रहेगा। भगवद्गीता के दशम अध्याय में श्रीकृष्ण ने अपनी 56 विशिष्ट विभूतियों का उल्लेख करते हुए कहा है कि मैं संवत्सर मेंं मार्गशीर्ष माह हूं। श्रीकृष्ण ने गोपियों से कहा था कि जो व्यक्ति मार्गशीर्ष माह में यमुना स्नान करते हैं वो उनके सबसे करीब होते हैं। इसी माह में ऋषि कश्यप ने कश्मीर बसाया था। इसी माह में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। मान्यतानुसार मार्गशीर्ष माह में दानपुण्य करने से 32 गुणा फल प्राप्त होता है। शास्त्रनुसार मार्गशीर्ष में चंद्र पूजन से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार स्त्री वर्ग पर चंद्रमा का आधिपत्य होता है। अतः मार्गशीर्ष में पत्नी, बहन, बेटी या बुआ को वस्त्र उपहार देना श्रेष्ठ रहता है। इसी माह में चंद्रमा को अमृत से सिंचित किया गया था। चंद्रमा के पूजन से मनोविकारों से मुक्ति मिलती है, ग्रह शांति होती है तथा व्यक्ति सेहतमंद बनता है व जीवन में प्रसन्नता आती है।


पूजन विधि: चंद्रमा के उदय होने पर चंद्रदेव का दशोंपचार पूजन करें। गौघृत का दीपक करें, कर्पूर जलाकर धूप करें, सफेद फूल, चंदन, चावल, व इत्र चढ़ाएं, चांदी के पात्र में दूध व शहद से अर्घ्य दें, मावे का भोग लगाएं तथा 1 माला इस विशिष्ट मंत्र की जपें। पूजन के बाद भोग किसी स्त्री को भेंट करें। 


पूजन मंत्र: श्रां चंद्राय रोहिणीपतये सुखनिधये नमः॥


पूजन मुहूर्त: शाम 19:45 से रात 20:45 तक। (चंद्रौदय)


आज का शुशाशुभ
आज का अभिजीत मुहूर्त:
दिन 11:42 से दिन 12:26 तक। 


आज का अमृत काल: शाम 17:05 से शाम 18:30 तक।


आज का राहु काल: प्रातः 08:01 से प्रातः 09:22 तक।


आज का गुलिक काल: दिन 13:25 से दिन 14:46 तक। 


आज का यमगंड काल: प्रातः 10:43 से दिन 12:04 तक।

 

यात्रा मुहूर्त: आज दिशाशूल पूर्व व राहुकाल वास वायव्य में है। अतः पूर्व व वायव्य दिशा की यात्रा टालें।


विशेष वर्जित मुहूर्त: स्वर्ग वासिनी भद्रा दिन 14:37 से रात 00:58 तक रहेगी। जिसमें शुभकार्य वर्जित माने गए हैं।


आज का गुडलक ज्ञान
आज का गुडलक कलर:
श्वेत।


आज का गुडलक दिशा: दक्षिण-पूर्व।


आज का गुडलक मंत्र: ॐ जितेन्द्रियाय नमः॥


आज का गुडलक टाइम: दिन 12:05 से दिन 13:05 तक।


आज का बर्थडे गुडलक: मनोविकार से मुक्ति हेतु दूध में छाया देखकर चंद्रदेव को अर्घ्य दें।


आज का एनिवर्सरी गुडलक: पारिवारिक प्रसन्नता हेतु चंद्र देव पर चढ़े जल से घर में छिड़काव करें।


गुडलक महागुरु का महा टोटका: अच्छी सेहत के लिए किसी महिला को सफेद कपड़े में चावल बांधकर भेंट करें।


आज के गुडलक में बस इतना ही। कल गुडलक में हम आपको बताएंगे कैसे मार्गशीर्ष आंगाकर चतुर्थी पर गणेश जी करेंगे विघ्न नाश और सम्पूर्ण होंगे आपके सकल काज।   

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 

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