Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Nov, 2017 10:57 PM
हजारे ने कहा, अब समय आ गया है जब किसानों को भी अपने अधिकार सुरक्षित करने के लिए इसी प्रकार का ‘करो या मरो’ आंदोलन शुरू करना चाहिए
नई दिल्लीः सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गुरुवार को किसानों से अपने अधिकार के लिए ‘करो या मरो’ आंदोलन शुरू करने की अपील की। उन्होंने कहा, ये उसी तरह होना चाहिए जैसा कि महात्मा गांधी ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ किया था। केंद्र और राज्य सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए अन्ना कहा कि किसानों की तबतक नहीं सुनी जाएगी जबतक वह अपनी आवाज नहीं उठाएंगे।
हजारे ने एक कार्यक्रम में यहां किसानों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘गांधीजी ने ब्रिटिश शासकों को उखाड फेंकने के लिए ‘करो या मरो’ का नारा दिया था और लाखों लोग सड़कों पर आ गए। अब समय आ गया है जब किसानों को भी अपने अधिकार सुरक्षित करने के लिए इसी प्रकार का ‘करो या मरो’ आंदोलन शुरू करना चाहिए।’’
सालभर में 12 लाख किसानों ने की आत्महत्या
उन्होंने किसानों से कहा कि वह किसी आंदोलन की शुरुआत के दौरान अहिंसा के सिद्धांत का पालन करें। उड़ीसा के पूर्व मुख्यमंत्री नवकृष्ण चौधरी के जन्मदिवस के मौके पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। चौधरी ने 50 के दशक में उड़ीसा पर शासन किया था। प्रदेश में फसल खराब होने तथा अन्य कारणों से इस साल 12 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
लोकपाल के लिए अगले साल करेंगे धरना
अन्ना हजारे ने केंद्र और राज्य सरकारों की आलोचना की और कहा कि सरकारें किसानों की आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने कहा कि किसान समुदाय जबतक अपनी आवाज नहीं उठाएंगे तबतक उनकी बात नहीं सुनी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों के अधिकारों तथा लोकपाल कानून को उचित तारीके से लागू करने के लिए मैं अगले साल फिर धरना दूंगा।’’ अन्ना ने किसानों से कहा कि वह गांधी के अहिंसा के सिद्धांत का पालन करें।