24 कंपनियों को NCLT के पास भेजने की तैयारी में बैंक, SBI के 12 डिफॉल्टर्स है शामिल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jan, 2018 05:02 PM

bank prepares to send 24 companies to nclt

भारतीय रिजर्व  बैंक की तरफ 28 बड़े एनपीए खातों का निपटान करने के लिए 31 दिसंबर तक दी गई समय सीमा खत्म हो चुकी है। अब बैंक इन 28 बैड लोन के खातों में से 24 के खिलाफ बैंक राष्ट्रीय कंपनी  विधि न्यायाध‍िकरण (NCLT) के पास भेजने की तैयारी में हैं। बैंक...

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व  बैंक की तरफ 28 बड़े एनपीए खातों का निपटान करने के लिए 31 दिसंबर तक दी गई समय सीमा खत्म हो चुकी है। अब बैंक इन 28 बैड लोन के खातों में से 24 के खिलाफ बैंक राष्ट्रीय कंपनी  विधि न्यायाध‍िकरण (NCLT) के पास भेजने की तैयारी में हैं। बैंक इनके ख‍िलाफ अब दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल अगस्त में बैंकों को 28 बड़े गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) वाले खातों से निपटने के लिए बैंकों से कहा था. केंद्रीय बैंक ने इसके लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया था. बता दें कि 4 लााख करोड़ रुपये के एनपीए में से 40 फीसदी इन खातों पर बकाया है।

इन कंपनियों को NCLT को रेफर करेगा RBI 
ऐसे में एसबीआई इन कंपनियों को नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) में ले जाने की तैयारी कर रहा है. वह वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज, वीजा स्टील, मोनेट पावर, उत्तम स्टील, एस्सार प्रोजेक्ट्स, वीडियोकॉन टेलीकॉम, जायसवाल नेको और जय बालाजी को एनसीएसटी को रेफर करने की शुरुआत करेगा। क्रिसमस और न्यू ईयर की छुट्टियों के बाद ट्राइब्यूनल 2 जनवरी से खुलेगा।

बैड लोन खातों की दूसरी लिस्ट में शामिल इन 28 डिफॉल्टर्स  में से 12 एसबीआई के हैं। इसमें वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज भी शामिल है ।अब एसबीआई ने सभी खातों के ख‍िलाफ दिवालिया प्रक्र‍िया शुरू करने के लिए इन्हें एनसीएलटी भेजने की तैयारी कर रहा है। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक ने 31 दिसंबर की डेडलाइन को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है. इसकी वजह से बैंकों के पास इनके ख‍िलाफ दिवाला प्रक्र‍िया शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। एनसीएलटी मंगलवार से इन मामलों को लेकर सुनवाई  शुरू कर सकता है।

बैंकों को करनी होगी 100 पर्सेंट प्रोविजनिंग
वहीं, अगर इन कंपनियों का लिक्विडेशन होता है तो उसके लिए बैंकों को 100 पर्सेंट प्रोविजनिंग करनी पड़ेगी। आरबीआई ने बैंकों को प्रोविजनिंग के लिए मार्च 2018 तक का समय दिया है। दूसरी लिस्ट में जेपी एसोसिएट्स, सोमा एंटरप्राइजेज और एनार्क एल्युमीनियम जैसी कुछ कंपनियों को छोड़कर अन्य सभी कंपनियों को बैंकरप्सी कोर्ट भेजा जाएगा। इन तीनों कंपनियों की लोन रिस्ट्रक्चरिंग पूरी हो चुकी है। इनमें सबसे अधिक लोन वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज पर है. वह 47,000 करोड़ रुपए के लोन पर डिफॉल्ट कर चुकी है।

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