Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 07:15 PM
केरल के मछुआरे समुद्र की तूफानी लहरों से पहली बार नहीं गुजरे हैं लेकिन भीषण चक्रवात ओखी से इस बार उनका ऐसा सामना हुआ कि कई अब तक सदमे में हैं। बिना पानी और भोजन के अशांत समुद्र में फंसे बेबस मछुआरों की नजर मदद की राह देख रही थी। इसके बाद कई मछुआरों...
तिरूवनंतपुरम: केरल के मछुआरे समुद्र की तूफानी लहरों से पहली बार नहीं गुजरे हैं लेकिन भीषण चक्रवात ओखी से इस बार उनका ऐसा सामना हुआ कि कई अब तक सदमे में हैं। बिना पानी और भोजन के अशांत समुद्र में फंसे बेबस मछुआरों की नजर मदद की राह देख रही थी। इसके बाद कई मछुआरों को सुरक्षित तट पर लाया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया।
लहरों के बीच साक्षात मौत को देखकर कई मछुआरे अब तक सदमे से उबर नहीं पाए हैं। समीप के पुंथारा के एक मछुआरे स्टीफन ने कहा कि पहली बार बचाव के लिए आई एक नौका की नजर उनपर नहीं पड़ी और वह बेबसी से बस देखते और चिल्लाते रह गए। सरकारी चिकित्सा कॉलेज अस्पताल में उपचार करा रहे स्टीफन ने कहा, ‘‘पहली बार हमने इतनी खतरनाक लहरों और अशांत समुद्र का सामना किया। सौभाग्य से बचाव वाली नौका वापस आई और हमें बचाया गया।’’
नींदाकारा के एक और मछुआरे टाइटस ने कहा कि उन्होंने समुद्र का जैसा खतरनाक रूप देखा, वैसा तो फिल्मों में भी नहीं देखा था। उन्होंने कहा कि तूफानी हवाएं उन्हें समुद्र में फेंकने पर उतारू थीं और वह बचाव टीम के आने तक नौका के एक हिस्से को किसी तरह पकड़ कर जान बचा रहे थे।