चंडीगढ़ में ड्रग कंट्रोल पॉलिसी की उड़ाई जा रहीं धज्जियां

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jan, 2018 10:13 AM

drug control policy is being blown up in chandigarh

शहर में ड्रग कंट्रोल पॉलिसी की धज्जियां उड़ रही हैं।

चंडीगढ़ (अर्चना) : शहर में ड्रग कंट्रोल पॉलिसी की धज्जियां उड़ रही हैं। दो साल पहले चंडीगढ़ प्रशासन के हैल्थ डिपार्टमैंट ने दवाओं की क्वालिटी पर पैनी नजर रखने के लिए ड्रग कंट्रोल पॉलिसी का निर्धारण किया था। पॉलिसी के अंतर्गत शहर के तीन जोन के ड्रग कंट्रोल ऑफिसर्स (ड्रग इंस्पैक्टर्स) के निरीक्षण क्षेत्रों का बदलाव हर छह महीने में करने का फैसला लिया गया था। शहर में 750 से अधिक कैमिस्ट शॉप्स पर बिकने वाली दवाओं पर निगाह रखने के लिए डिपार्टमैंट ने शहर का विभाजन तीन जोन्स में किया गया था। ईस्ट, सैंट्रल और साऊथ जोन के मुताबिक हर जोन में एक ड्रग कंट्रोल ऑफिसर की नियुक्ति की गई थी। 

 

पिछले 7 महीनों से ऑफिसर्स पुराने जोन्स में काम कर रहे हैं जबकि जोन्स का बदलाव छह महीने पूरे होने से पहले ही कर दिया जाना चाहिए था। सूत्रों की मानें तो ड्रग कंट्रोल ऑफिसर्स अपने जोन्स में बदलाव नहीं चाहते क्योंकि उनके जोन्स की कैमिस्ट शॉपस के साथ अच्छी खासी सैटिंग हो चुकी है और नए जोन में तबादले से ऑफिसर्स बचना चाहते हैं। करीब दो साल पहले खुड्डा जस्सू की एक कैमिस्ट शॉप सैंट्रल गवर्नमैंट हॉस्पिटल सप्लाई की ऐसी दवाएं पी.जी.आई. पैशेंट्स को बेचते हुए पकड़ा गया था जो पैशेंट्स को मुफ्त में मिलनी चाहिए थी। 

 

कुछ ऐसी दवाओं की सेल भी दवा दुकानदार करते हैं जो डाक्टर की प्रिसक्रिपशन के बगैर पैशेंट्स को नहीं बेची जा सकती। ऐसी बहुत सी चीजों पर नजर रखने का काम ड्रग कंट्रोल ऑफिसर्स का ही होता है परंतु अगर उनके क्षेत्र में तय समय के बाद बदलाव नहीं किया जाता है तो ऐसी चीजें जो पैशेंट्स की हैल्थ के लिए घातक हो सकती है वह सामने नहीं आ सकेगी। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए चंडीगढ़ के हैल्थ सैक्रेटरी अनुराग अग्रवाल ने दिसंबर, 2016 में ड्रग कंट्रोल पॉलिसी का निर्धारण किया था और हर छह महीने पूरे होने के बाद ऑफिसर्स जोन में बदलाव को अनिवार्य किया था। 

 

9 साल तक खाली रही है दो ड्रग इंस्पैक्टर्स की पोस्ट
चंडीगढ़ के हैल्थ डिपार्टमैंट में ड्रग इंस्पैक्टर्स की तीन पोस्ट है। पिछले 9 सालों से दो ड्रग इंस्पैक्टर्स की पोस्ट रिक्त थी। पूर्व ड्रग कंट्रोल ऑफिसर(ड्रग इंस्पैक्टर) सुनील चौधरी 8 साल तक अकेले पूरे चंडीगढ़ की दवा दुकानों पर बिकने वाली दवाओं पर नजर रखते थे। उनके कार्यकाल के दौरान दो अन्य ड्रग इंस्पैक्टर्स की पोस्ट रिक्त ही रही। उनका डैपुटेशन पीरियड पूरा होने के बाद जसबीर सिंह चंडीगढ़ के ड्रग कंट्रोल ऑफिसर (ड्रग इंस्पैक्टर)की पोस्ट पर नियुक्त किए गए। उसके बाद वर्ष 2016 में ड्रग कंट्रोल ऑफिसर्स की दोनों रिक्त पोस्ट पर अमित दुग्गल और सारिका मलिक को नियुक्त किया गया। दिसंबर, 2016 में ड्रग कंट्रोल पॉलिसी बनने के बाद तीनों ऑफिसर्स का पॉलिसी के मुताबिक एक दफा जोन का तबादला हो चुका है, परंतु पॉलिसी के अंतगर्त दूसरी रोटेशन को डिपार्टमैंट ने खुद ही भूला दिया है।    


यह है ड्रग कंट्रोल ऑफिस के लिहाज से जोन्स
ईस्ट जोन (ड्रग इंस्पैक्टर अमित दुग्गल)
सैक्टर-7, 26, 27, 28, बापूधाम कालोनी, ट्रांसपोर्ट एरिया
सैक्टर-31, 47, बड़माजरा, करसान, हल्लोमाजरा, घग्गर माजरा, बहलाना, झुमरू।
इंडस्ट्रीयल एरिया फेज-1, सैक्टर-29, 30, कालोनी नंबर-4, रायपुर खुर्द, मक्खन माजरा, दड़वा 
मनीमाजरा, किशनगढ़, भगवानपुरा, रेलवे कालोनी, मौलीजागरां, रायपुर कलां, इंदिरा कालोनी, 
मार्डन  हाऊसिंग काम्प्लैक्स
इंडस्ट्रीयल एरिया फेज-2, एयरफोर्स, रामदरबार, सैक्टर-18, 19, 20, 21
सैंट्रल जोन (ड्रग इंस्पैक्टर सारिका मलिक)
सैक्टर-1, 2, 3, 4, 5, 6, 8, 9, 10, कैंबवाला
सैक्टर-16,17, 22, 23 
सैक्टर-11, 12, 14, 15,24, 25, खुड्डा लाहौरा, खुड्डा जस्सू, सारंगपुर, धनास, खुडा अलीशेर। 
साऊथ जोन (ड्रग इंस्पैक्टर जसबीर सिंह)
सैक्टर-32, 33, 34, 44, 45, 46, 48, 49, 50,51, बुड़ैल, कालोनी नंबर 5, 
निजामपुर कुंभड़ा, सैक्टर-38,35, 36, 42, 43, 52, 53, 56, 61, कजहेड़ी, अटावा
सैक्टर-39, 37, 38, 39, 40, 41, 54, 55, 63
डड्डूमाजरा, बुटरेला, शाहपुर, बड़हेड़ी, पलसोरा, मलोया, सैक्टर-38 वैस्ट।

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