Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jan, 2018 06:14 PM
आगामी हफ्तों में तीनों चुनाव आयुक्तों के वेतन में दो गुना से अधिक की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तों से संबंधित एक कानून के प्रावधानों के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त सहित तीनों चुनाव आयुक्त ‘‘उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश...
नई दिल्लीः आगामी हफ्तों में तीनों चुनाव आयुक्तों के वेतन में दो गुना से अधिक की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तों से संबंधित एक कानून के प्रावधानों के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त सहित तीनों चुनाव आयुक्त ‘‘उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश के वेतन के बराबर’ वेतन पाने के हकदार होते हैं। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का वेतन बढ़ाने के लिए हाल में शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में एक विधेयक पारित किया गया था। आगामी 29 जनवरी से शुरू होने जा रहे बजट सत्र में इसे मंजूरी के लिए राज्यसभा में लाए जाने की संभावना है ।
विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाने के बाद कानून बन जाएगा और प्रधान न्यायाधीश का वेतन मौजूदा एक लाख रुपये महीने से बढ़कर दो लाख 80 हजार रुपये हो जाएगा। इसी तरह, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों तथा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों का वेतन मौजूदा 90 हजार रुपये प्रति महीने से बढ़कर दो लाख 50 हजार रुपये हो जाएगा। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का वेतन मौजूदा 80 हजार रुपये से बढ़कर दो लाख 25 हजार रुपये प्रति महीने हो जाएगा।
विधि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि न्यायाधीशों का वेतन बढ़ाने से संबंधित विधेयक के कानून बन जाने के बाद तीनों चुनाव आयुक्तों का वेतन अपने आप बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की तरह चुनाव आयुक्तों को भी दो लाख 50 हजार रुपये प्रति महीने वेतन मिलेगा।
निर्वाचन आयोग (चुनाव आायुक्तों की सेवा शर्तें एवं कामकाज के नियम) कानून 1991 के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त (और अन्य चुनाव आयुक्तों) को उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश के बराबर वेतन मिलेगा। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का वेतन उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय (वेतन एवं सेवा शर्त) कानून से निर्धारित होता है।