नए साल में भारत में धमाके पर धमाका

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 03:42 AM

explosion in the new year in india

उम्मीद थी कि नया वर्ष भारत के लिए खुशियों की सौगात लेकर आएगा लेकिन ऐसा न हुआ और प्रथम जनवरी का सूर्योदय जम्मू-कश्मीर के लेथपोरा में सी.आर.पी.एफ. के ट्रेनिंग सैंटर पर फिदायीन हमले की मनहूस खबर लेकर आया जिसमें सी.आर.पी.एफ. के 5 जवान शहीद हो गए। नव...

उम्मीद थी कि नया वर्ष भारत के लिए खुशियों की सौगात लेकर आएगा लेकिन ऐसा न हुआ और प्रथम जनवरी का सूर्योदय जम्मू-कश्मीर के लेथपोरा में सी.आर.पी.एफ. के ट्रेनिंग सैंटर पर फिदायीन हमले की मनहूस खबर लेकर आया जिसमें सी.आर.पी.एफ. के 5 जवान शहीद हो गए। 

नव वर्ष का आगमन अग्निकांडों और सड़क दुर्घटनाओं से शुरू हुआ तथा पहले ही दिन अकेले पंजाब में ही विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में 7 लोगों की मृत्यु हो गई। उसके बाद से लगातार देश भर में सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी है जिसमें असंख्य लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इसी प्रकार देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में कमला मिल अग्निकांड में 14 लोगों की मृत्यु के बाद अग्निकांडों का सिलसिला नए वर्ष में भी जारी है। नए वर्ष में मुंबई में ही एक दर्जन के लगभग अग्निकांड हो चुके हैं और 20 दिनों में कम से कम 30 लोगों की जान गई है। देश के अन्य भागों में भी लगातार अग्निकांड हो रहे हैं। 

फिर 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार इसके 4 सर्वाधिक सीनियर जजों जस्टिस जे.चेलमेश्वरम, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसफ ने विद्रोह करते हुए इसकी कार्यप्रणाली पर प्रश्र खड़े कर दिए और प्रशासनिक व्यवस्थाओं का पालन नहीं करने तथा सुनवाई के लिए महत्वपूर्ण मुकद्दमों के आबंटन में मनमाना रवैया अपनाने का मुख्य न्यायाधीश पर आरोप लगाया। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के 4 सेवानिवृत्त जजों पी.बी. सावंत, ए.पी. शाह, के. चंद्रू और एच. सुरेश ने भी मुख्य न्यायाधीश को खुला पत्र लिख कर शीर्ष न्यायालय के 4 न्यायाधीशों द्वारा उठाए गए मुद्दों से सहमति व्यक्त की तथा कहा कि इस संकट को न्यायपालिका के अंदर ही सुलझाने की आवश्यकता है। 

हालांकि मचे हड़कंप के बीच यह खबर आई कि मुख्य न्यायाधीश के साथ 4 जजों की बातचीत के बाद यह मामला सुलझ गया है परंतु अभी तक ऐसा हुआ नहीं है और अटार्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने आशा व्यक्त की है कि 2-3 दिनों में यह मामला पूरी तरह से सुलझ जाएगा। अभी यह मामला चल ही रहा था कि इस बीच एक और धमाका हो गया। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा 15 जनवरी की सुबह लापता हो गए। विहिप ने दावा किया था कि राजस्थान पुलिस ने एक प्रकरण के सिलसिले में तोगडिय़ा को हिरासत में लिया है लेकिन पुलिस ने इससे इंकार किया है। 

इससे पहले अहमदाबाद के ‘सोला’ थाने के अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान पुलिस का एक दल एक पुराने मामले में तोगडिय़ा के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट की तामील करने 15 जनवरी को आया था लेकिन तोगडिय़ा अपने आवास पर नहीं मिले और बाद में शाही बाग इलाके में वह बेहोशी की हालत में एक अस्पताल में भर्ती पाए गए। अगले दिन 16 जनवरी को प्रवीण तोगडिय़ा ने एक प्रैस कांफ्रैंस में रोते हुए आरोप लगाया कि कुछ लोग उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं और राजस्थान पुलिस ने उनके एन्काऊंटर की साजिश रची थी। उन्होंने दावा किया कि, ‘‘एक दशक पुराने मामले को लेकर मुझे निशाना बनाया जा रहा है। यह मेरी आवाज को दबाने की कोशिश है। किसी ने मुझे बताया कि मुठभेड़ में मुझे मारने की साजिश रची जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि समय आने पर सबूत के साथ वह इस बात का खुलासा करेंगे कि कौन उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है। 

फिर 17 जनवरी को तोगडिय़ा ने कहा कि दिल्ली के राजनीतिक बॉस (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के इशारे पर क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर जे.के. भट्ट उनके और विहिप वर्करों के विरुद्ध षड्यंत्र रच रहे हैं। उन्होंने मांग की कि भट्ट और मोदी के बीच हुई वार्ता को सार्वजनिक किया जाए। यद्यपि सभी लोग ज्योतिष पर विश्वास नहीं करते परंतु वर्ष के आरंभ में ही ज्योतिषियों ने कहा था कि इस वर्ष देश में सामाजिक, राजनीतिक और आॢथक क्षेत्रों में भारी उथल-पुथल के योग बनेंगे और जनता के अंदर असंतोष बढ़ेगा। नए वर्ष के शुरूआती आधे महीने के दौरान ऐसा ही घटित होता दिखाई दे रहा है और आने वाले समय में उक्त मुद्दों को लेकर नए-नए रहस्योद्घाटन तथा खुलासे संभावित हैं।—विजय कुमार 

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