Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jan, 2018 08:26 PM
पाकिस्तान में 1800 से ज्यादा मुस्लिम धर्मगुरुओं ने फिदायीन हमलों के खिलाफ फतवा जारी किया है। पाकिस्तान सरकार की ओर से मंगलवार यहां जारी एक पुस्तक के मुताबिक धर्मगुरुओं ने आतंकवाद पर लगाम लगाने के मकसद से आत्मघाती हमलों को निषिद्ध या ‘हराम’ घोषित...
इस्लामाबादः पाकिस्तान में 1800 से ज्यादा मुस्लिम धर्मगुरुओं ने फिदायीन हमलों के खिलाफ फतवा जारी किया है। पाकिस्तान सरकार की ओर से मंगलवार यहां जारी एक पुस्तक के मुताबिक धर्मगुरुओं ने आतंकवाद पर लगाम लगाने के मकसद से आत्मघाती हमलों को निषिद्ध या ‘हराम’ घोषित किया है।
पाकिस्तानी विद्वानों ने कहा कि किसी भी व्यक्ति अथवा संगठन को जिहाद छेडऩे का अधिकार नहीं है। आत्मघाती हमला इस्लाम की महत्वपूर्ण शिक्षाओं का उल्लंघन हैं लिहाजा यह निषिद्ध है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने सरकारी इस्लामी विश्वविद्यालय की ओर से तैयार की गयी इस पुस्तक में लिखा, ''यह फतवा उदार इस्लामी समाज की स्थिरता के लिए मजबूत आधार मुहैया कराता है। हम इस फतवा से चरमपंथ पर काबू करने के लिए इस्लाम के सुनहरे सिद्धांतों के अनुरूप राष्ट्रीय मत तैयार करने के वास्ते मार्गदर्शन ले सकते हैं।''
देश में उदारवाद और पश्चिम की घोर आलोचना करने वाले धर्मगुरुओं ने भी इस फतवे की पुष्टि की है जो अफगान तालिबान को समर्थन करने तथा कट्टर उपदेशों के लिए जाने जाते हैं। इनमें से एक धर्मगुरु मोहम्मद अहमद लुधियानवी एक प्रतिबंधित संगठन अहले सुन्नत वल जमात का जाना माना चेहरा है। उसे आतंकवाद से संबद्ध संदिग्ध लोगों की सूची में रखा गया था।
गौरतलब है कि पहले पश्चिम एशियाई देशों में भी ऐसे फतवे जारी किए गये थे लेकिन उनका कुछ खास नतीजा नहीं निकला। इन देशों में इस्लामिक स्टेट और अन्य आतंकवादी संगठन अब भी धड़ल्ले से आत्मघाती हमले करते रहते हैं।