Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 07:12 PM
गुजरात विधानसभा की रिजर्व सीट से चुने गए निर्दयीलय विधायक की सदस्यता खतरे में पड़ गई है। दरअसल, पंचमहाल सीट मोरवा हडफ से चुनाव जीतने वाले विधायक भूपेंद्र खांट का आदिवासी जाति का प्रमाणपत्र रद्द कर दिया गया है। इस प्रमाणपत्र को रद्द करने से अब गुजरात...
नेशनल डेस्कः गुजरात विधानसभा की रिजर्व सीट से चुने गए निर्दयीलय विधायक की सदस्यता खतरे में पड़ गई है। दरअसल, पंचमहाल सीट मोरवा हडफ से चुनाव जीतने वाले विधायक भूपेंद्र खांट का आदिवासी जाति का प्रमाणपत्र रद्द कर दिया गया है। इस प्रमाणपत्र को रद्द करने से अब गुजरात की राजनीति खलबली मच गई है।
राज्य में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा उम्मीदवार विक्रम सिंह डिंडोर ने आरोप लगाया गया था कि भूपेंद्र खांट आदिवासी नहीं हैं। भूपेंद्र खांट के चुनाव जीतने के बाद बीजेपी उम्मीदवार ने इसकी खिलाफत में रैली भी निकाली थी। इस रैली में उनके आदिवासी जाति के प्रमाणपत्र की जांच की मांग की थी।
इसके बाद आदिम जाति विकास बोर्ड के कमिशनर आरजे मांकडिया के द्वारा जांच करने पर भूपेंद्र खांट के आदिवासी न होने की बात सामने आई। इसपर उनका प्रमाणपत्र रद्द कर दिया गया है।
हालांकि अब विधायक भूपेंद्र खांट इस मामले को लेकर हाईकोर्ट गए हैं। इसपर हाईकोर्ट सोमवार को सुनवायी करेगा, लेकिन दिलचस्प बात ये है कि अगर हाईकोर्ट भी उनके प्रमाणपत्र को रद्द करने को सही मानता है तो इस सीट पर फिर से चुनाव होगा।