Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 02:49 PM
गुजरात विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है और इसके साथ ही राज्य में रातनीतिक हलचल भी तेज हो रही है। राज्य में पाटीदार, दलित और अन्य वोटरों के सामने आने से इस बार चुनाव बहुत ही दिलचस्प माना जा रहा है। जहां पाटीदार नेता भाजपा को खुलेआम हराने का ऐलान कर रहे...
नेशनल डेस्क: गुजरात विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है और इसके साथ ही राज्य में रातनीतिक हलचल भी तेज हो रही है। राज्य में पाटीदार, दलित और अन्य वोटरों के सामने आने से इस बार चुनाव बहुत ही दिलचस्प माना जा रहा है। जहां पाटीदार नेता भाजपा को खुलेआम हराने का ऐलान कर रहे हैं वहीं उनके सहयोगी ने उन्हे बड़ा झटका दे दिया है। दरअसल हार्दिक के करीबी माने जाने वाले केतन पटेल भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
पहले भी कई नेता छोड़ चुके हैं हार्दिक का साथ
केतन पटेल एक वक्त में हार्दिक का साया माना जाते थे। आरक्षण आंदोलन के दौरान वह उसके इर्द-गिर्द नजर आते थे लेकिन अब उन्होंने चुनाव से ठीक पहले हार्दिक का साथ छोड़ दिया। इससे पहले पाटीदार नेता के बेहद करीबी रेशमा पटेल और वरुण पटेल ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। इन नेताओं ने भी उस पर पटेल समाज के साथ गद्दारी करने का आरोप लगाया था।
चिराग पटेल भी हुए भाजपा में शामिल
वहीं पाटीदार आंदोलन अनामत समिति पीएएएस नेता चिराग पटेल भी वीरवार को भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्हें गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता दिलाई गई थी। दरअसल, भाजपा ने हार्दिक को हर तरीके से घेरने का चक्रव्यूह तैयार कर लिया है। भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची में ही 15 पाटीदार नेताओं को टिकट दिया है। इसके अलावा ओबीसी नेताओं पर भी दांव खेला है। पाटीदार समुदाय को अपने पक्ष में करने के लिए हार्दिक को कमजोर करना बेहद जरूरी है।