हाईकोर्ट का फरमान, किराए पर वाहन दिया तो कंपनी नहीं देगी बीमा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Dec, 2017 03:16 PM

high court decision on insurance company

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मोटर बीमा हादसा क्लेम को लेकर अहम फरमान जारी किया है। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि वाहन किराए पर देने के मामले में, बीमा कंपनी के मुआवजे के लिए कोई ज़िम्मेदारी नहीं बनती।

चंडीगढ़ : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मोटर बीमा हादसा क्लेम को लेकर अहम फरमान जारी किया है। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि वाहन किराए पर देने के मामले में, बीमा कंपनी के मुआवजे के लिए कोई ज़िम्मेदारी नहीं बनती। अदालत मानती है कि बीमा कंपनी और वाहन के मालिक के बीच एक समझौता होता है, इस के तहत यदि वाहन किसी और को दिया जाता है तो उसे लेकर आवश्यक संशोधन होता है। इस संशोधन में कमी के दौरान, बीमा कंपनी को मुआवजे के भुगतान की देयता समाप्त हो जाती है। अदालत ने सिरसा से संबंधित मामले के खिलाफ इस पर फैसला सुनाया। 

 

वास्तव में, सिरसा के सहकारी बैंक द्वारा वसूली के लिए किराए पर दी जीप के साथ टक्कर के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और एक व्यक्ति ज़ख़्मी हो गया था। जिसे लेकर मुआवज़े के लिए एक याचिका दायर की गई थी। सिरसा मोटर दुर्घटना क्लेम ट्रिब्यूनल ने जख्मी गुरुचरन सिंह को 20 लाख रुपये और मृतक हरदेव सिंह के परिवार को 1.5 लाख रुपये मुआवज़ा मंज़ूर किया था। इस मामले में सहकारी बैंक ने वाहन किराए पर लिया गया था, तो ट्रिब्यूनल ने बैंक को मालिक मानते हुए बीमा कंपनी और ड्राइवर को मुआवज़े  जिम्मेदार ठहराया। 

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