इस भारतीय बच्चे को उसकी मां ने जन्म देते ही त्यागा था, वो अब बना स्विट्जरलैंड में सांसद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jan, 2018 07:18 PM

indian child whose mother abandoned made mp in switzerland

दक्षिण भारत में जन्मे निकलॉस सैमुअल गगर स्विट्जरलैंड में भारतीय मूल के पहले सांसद बन गए हैं। इसके अलावा 48 वर्षीय निकलॉस स्विस सांसद के सबसे युवा सदस्यों में से भी एक हैं। कर्नाटक के उडुपी में 1 मई 1970 को सीएसआई लॉम्बार्ड मेमोरियल हॉस्पिटल में...

नई दिल्लीः दक्षिण भारत में जन्मे निकलॉस सैमुअल गगर स्विट्जरलैंड में भारतीय मूल के पहले सांसद बन गए हैं। इसके अलावा 48 वर्षीय निकलॉस स्विस सांसद के सबसे युवा सदस्यों में से भी एक हैं। कर्नाटक के उडुपी में 1 मई 1970 को सीएसआई लॉम्बार्ड मेमोरियल हॉस्पिटल में जन्मे निकलॉस को उनकी मां अनुसूया ने पैदा होने के साथ ही त्याग दिया था।

15 दिन के बच्चे को स्विस दंपति ने लिया गोद
उस दौरान उनकी मां के त्यागने के एक सप्ताह के भीतर ही उन्हें एक स्विस दंपति ने गोद ले लिया था। उनके नए माता-पिता फ्रित्ज और एलिजाबेथ उन्हें लेकर केरल चले गए। उस समय निकलॉस मात्र 15 दिन के थे। स्विस सांसद निकलॉस पिछले सप्ताह हुए पहले भारतीय मूल के सांसद सम्मेलन (पीआईओ) में हिस्सा लेने भारत आए थे। बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरी मां ने मेरे जन्म के साथ ही मुझे डॉक्टर ईडी पीफ्लगफेल्डर को सौंप दिया था। उस दौरान उन्होंने डॉक्टर से अनुरोध किया था कि मेरे बच्चे को किसी ऐसे दंपति को दें जो मेरा बेहतर तरीके से पालन-पोषण कर सके जिससे मैं बेहतर कैरियर बना सकूं।

पढ़ाई पूरी करने के लिए माली तक का किया काम
स्विस सांसद बनने तक के सफर को बताते हुए निकलॉस ने कहा कि जीवन के शुरुआती 4 साल मैंने केरल के थालेस्सरी में बिताए। यहां मेरी नई मां एलिजाबेथ अंग्रेजी और जर्मनी पढ़ाती थीं और मेरे पिता फ्रित्ज नट्टूर टेक्निकल ट्रेनिंग फाउंडेशन में काम करते थे। बाद में मेरे माता-पिता स्विट्जरलैंड चले गए। यहां पर मैंने ट्रक ड्राइवर, माली और मिस्त्री का काम किया, जिससे की मैं अपनी उच्च शिक्षा का खर्च उठा सकूं क्योंकि मेरे माता-पिता ऐसा करने में असमर्थ थे।

मां की यादों को जिंदा रखने बेटी का नाम रखूंगा अनुसूया 
निकलॉस ने बताया कि उन्होंने कुछ समय अमेरिका के कोलंबिया स्थित एक अनाथालाय में भी काम किया। उन्होंने अपने इस भारत दौरे को एक भावुक पल बताया। निकलॉस ने अपनी सफलता के लिए अपनी जन्म देने वाली मां को बधाई भी दी। निकलॉस अपनी जैविक माता तक पहुंचने में असफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपनी जैविक मां की यादों को जिंदा रखने के लिए अपनी बच्ची का नाम अनुसूया रखूंगा। निकलॉस उन 143 लोगों में शामिल हैं जो दुनिया के अलग-अलग 24 देशों में सांसद हैं और भारतीय मूल के हैं। 

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