Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Dec, 2017 09:03 PM
भारत का स्वास्थ्य सेवा (हेल्थकेयर) बाजार तीन गुना बढ़कर साल 2022 तक 372 अरब डॉलर हो जाएगा। इसका कारण जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की घटनाएं बढऩा और किफायती स्वास्थ्य सेवा की मांग में वृद्धि है। उद्योग मंडल एसोचैम और शोध संगठन आरएनसीओएस ने अपनी रपट...
नई दिल्ली: भारत का स्वास्थ्य सेवा (हेल्थकेयर) बाजार तीन गुना बढ़कर साल 2022 तक 372 अरब डॉलर हो जाएगा। इसका कारण जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की घटनाएं बढऩा और किफायती स्वास्थ्य सेवा की मांग में वृद्धि है। उद्योग मंडल एसोचैम और शोध संगठन आरएनसीओएस ने अपनी रपट में कहा कि साल 2016 में यह क्षेत्र 110 अरब डॉलर का था और इसमें साल दर साल 22 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) देखने को मिलेगी।
इसके अतिरिक्त, देश का चिकित्सीय उपकरण बाजार साल 2016 में 4 अरब डॉलर से बढ़कर साल 2022 में 11 अरब डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा। रपट में कहा गया कि शोध और विकास (आरएंडडी) पर खर्च बढऩे, भारतीय और विदेशी कंपनियों के बीच सहयोग में वृद्धि, उत्पाद के लिए मंजूरी लेने में कम समय और अन्य कारक भारतीय दवा बाजार में तेजी को बढ़ा रहे हैं।