डंपिंग ग्राऊंड मुद्दा: नए मेयर से बंधी लोगों की आस

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jan, 2018 12:05 PM

issue of dumping ground shifting

डड्डूमाजरा के गार्बेज प्रोसैसिंग प्लांट का मेयर आज दौरा करेंगे। प्लांट के साथ डंपिंग ग्राऊंड भी है, जिसे यहां से शिफ्ट करने की बात हर नया मेयर करता है पर अभी तक इस संबंधी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

चंडीगढ़,  (राय) : डड्डूमाजरा के गार्बेज प्रोसैसिंग प्लांट का मेयर आज दौरा करेंगे। प्लांट के साथ डंपिंग ग्राऊंड भी है, जिसे यहां से शिफ्ट करने की बात हर नया मेयर करता है पर अभी तक इस संबंधी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। लोगों को उम्मीद है कि इस वर्ष नए मेयर उनकी इस परेशानी का निदान करेंगे। हाईकोर्ट द्वारा इससे पहले डंपिंग ग्राऊंड के लिए वैकल्पिक जगह तलाशने के दिए आदेशों के बाद निगम ने नए प्रयास तो शुरू किए थे लेकिन प्रयास सफल नहीं हो पाए हैं। सदन की बैठकों में पार्षद कई बार यह मामला उठा चुके हैं और इस पर सदन की विशेष बैठक बुलाए जाने पर भी राजी हो चुके हैं पर विशेष बैठक भी आज तक नहीं हो पाई। पूर्व  मेयर आशा जसवाल ने भी इसके लिए वैकल्पिक जगह तलाशने की बात की, उससे पहले पूर्व मेयर अरुण सूद गत जनवरी माह में तब पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से मिले थे। उन्होंने अनुरोध किया था कि वह राज्य के किसी भी किसी भी ग्रामीण क्षेत्र में उन्हें डंपिंग के लिए भूमि उपलब्ध करवाएं। 


सिर्फ 250 मीट्रिक कूडा ही पहुंच रहा संयंत्र में :
निगम में उपलब्ध रिकार्ड के मुताबिक शहर में रोजाना करीब 350 मीट्रिक टन कचरा जमा हो रहा है और सिर्फ 250 मीट्रिक डड्डूमाजरा में कचरा प्रसंस्करण संयंत्र तक पहुंच पा रहा है। बाकि कचरा डंपिंग ग्राऊंड में फैंका जा रहा है। हाल ही में हुई मामूली बारिश के बाद डंपिंग ग्राऊंड का कूड़ा मुख्य सड़क तक आ गया था जिससे लोगों को परेशानी हुई थी। गत दिसम्बर में डम्पिंग ग्राऊंड में जमा कचरे से पैदा होने वाली जहरीली गैसों के कारण वह जल उठा और पांच दिन बाद निगम को डंपिंग ग्राऊंड के आसपास रह रहे लोगों की व्यथा समझ में आई। 


कोई भी परियोजना नहीं चढ़ पाई सिरे :
निगम के पास डड्डूमाजरा में 12 एकड़ भूमि थी जिसमें से 10 एकड़ डंपिंग ग्राऊंड के लिए आवंटित की गई और 1 एकड़ बायोमैडीकल वेस्ट संयंत्र के लिए चिन्हित की गई थी। इसके अलावा निगम ने एक एकड़ भूमि कचरा उठाने वाले ट्रकों की धुलाई के लिए चिन्हित की थी। इनमें से कोई भी परियोजना आज तक सिरे नहीं चढ़ी। यहां के लोगों ने कहा कि जब भी बारिश होती है, उनके  लिए सांस लेना भी असंभव हो जाता है। बदबू लोगों को अपने घर छोडऩे के लिए मजबूर कर रही है। लोगों ने कहा की अब उन्हें नए मेयर से उम्मीद है की वो डंपिंग ग्राऊंड को यहां से कहीं और शिफ्ट करने संबंधी फैसला जरूर लेंगे।


निगम प्रशासन को भी दिए थे आंकड़े :
पूर्व पार्षद कमलेश का कहना था कि जब वह वहां का प्रतिनिधित्व कर रही थी तो नियमित रूप से मैडीकल कैंप लगवाती थीं। उन्होंने प्रशासन को भी आंकड़े दिए थे कि पूरी कालोनी में शायद ही कोई बचा हो जिसे चर्मरोग व कोई अन्य रोग न हो। उनका कहना था कि उनकी रिपोर्ट के बाद ही प्रशासन ने डम्पिंग ग्राऊंड के लिए वैकल्पिक स्थल की तलाश शुरू की थी। हालांकि गंभीर प्रयास न करने के चलते अभी तक वैकल्पिक स्थल तलाशा नहीं जा सका है।


कोई भी परियोजना नहीं चढ़ पाई सिरे : 
निगम के पास डड्डूमाजरा में 12 एकड़ भूमि थी जिसमें से 10 एकड़ डंपिंग ग्राऊंड के लिए आवंटित की गई और 1 एकड़ बायोमैडीकल वेस्ट संयंत्र के लिए चिन्हित की गई थी। इसके अलावा निगम ने एक एकड़ भूमि कचरा उठाने वाले ट्रकों की धुलाई के लिए चिन्हित की थी। इनमें से कोई भी परियोजना आज तक सिरे नहीं चढ़ी। यहां के लोगों ने कहा कि जब भी बारिश होती है, उनके  लिए सांस लेना भी असंभव हो जाता है। बदबू लोगों को अपने घर छोडऩे के लिए मजबूर कर रही है। लोगों ने कहा की अब उन्हें नए मेयर से उम्मीद है की वो डंपिंग ग्राऊंड को यहां से कहीं और शिफ्ट करने संबंधी फैसला जरूर लेंगे।
 

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