लोहड़ी: इस विधि से मनाएं, दरिद्रता सदा के लिए जाएगी घर से बाहर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jan, 2018 09:22 AM

lohri celebrate by this method

जिन घरों में लोहड़ी का उत्सव होता है वहां वैसे तो सारा दिन तैयारी की धूम रहती है तथा जैसे ही शाम को सूर्य ढ़लता है तो घरों में साग और मक्की की रोटी बनाई जाती है। साथ ही मीठे में गन्ने के रस की खीर बनाई जाती है।

जिन घरों में लोहड़ी का उत्सव होता है वहां वैसे तो सारा दिन तैयारी की धूम रहती है तथा जैसे ही शाम को सूर्य ढ़लता है तो घरों में साग और मक्की की रोटी बनाई जाती है। साथ ही मीठे में गन्ने के रस की खीर बनाई जाती है। सभी संबंधियों के इकट्ठे हो जाने पर खुले स्थान पर आग जलाकर उसकी पूजा की जाती है। हाथों में रेवड़ी, मुंगफली, चिड़वे और मक्की के दाने हाथ में लेकर जलाई गई आग के गिर्द परिक्रमा करते हुए कहते हैं ‘ उद्दम आ, दरिदर जा, दरिद्र दी जड़ चुल्हे पा’ मान्यता है की इस विधि से लोहड़ी करने से दरिद्रता सदा के लिए घर से बाहर चली जाती है। इसके अतिरिक्त ‘गायत्री मंत्र ’ का उच्चारण करते हुए आग में मूली डालें तथा सभी के मंगल की कामना के लिए प्रार्थना करें। 


गायत्री मंत्र- 'ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्' 


गायत्री मंत्र को सफलता देने वाला माना गया है। गायत्री माता की उपासना से जो फल मिलता है, उसका शब्दों में वर्णन करना सम्भव नहीं है। गायत्री मंत्र 24 अक्षरों का होता है, उसे वास्तव में 24 वर्णीय मंत्र कहते हैं। 


बाद में आग के गिर्द बैठकर महिलाएं ढोलक बजाती है तथा खुशी के गीत गाकर खूब गिद्दा और भांगड़ा डालती हैं तथा मुंगफली और रेवड़ियां आदि चीजें खाती हैं। यह नजारा तो देखते ही बनता है। जहां उत्सव होता है वह सभी को उपहार देती हैं तथा आने वाले बच्चों को ‘लोहड़ी’ कह कर पैसे आदि भी देते हैं।

वीना जोशी
veenajoshi23@gmail.com

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