मालदीव भी चीन के जाल में फंसा, भारत के लिए खतरे की घंटी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 11:20 AM

maldives  flouts rules   quietly inks trade deal with china

हाल ही में हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी और भारत के सुरक्षा हालात पर चिंता जताने वाला मालदीव अब खुद ड्रैगन के जाल में फंसता नजर आ रहा है जो भारत के लिए भी खतरे की घंटी है

बीजिंगः हाल ही में हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी और भारत के सुरक्षा हालात पर चिंता जताने वाला मालदीव अब खुद ड्रैगन के जाल में फंसता नजर आ रहा है जो भारत के लिए भी खतरे की घंटी है। जानकारी के अनुसार मालदीव की अब्दुल यामीन सरकार ने अपने विपक्ष और अपने नागरिकों को विश्वास में लिए बिना ही चीन की राजधानी बीजिंग के साथ 'स्वतंत्र व्यापार समझौता' (FTA) कर लिया है।ये समझौता होने के बाद  विपक्ष ने सरकार को निशाने पर ले लिया है। 

मुख्य विपक्षी पार्टी के अनुसार, मालदीव पहले से ही चीन को 70 प्रतिशत कर्ज का भुगतान कर रहा है।  अब इस समझौते  के बाद रणनीतिक राष्ट्रीय संपत्ति पर अतिरिक्त तनाव का बोझ और हिंद महासागर क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ जाएगी। विपक्ष के मुताबिक, संसद अध्यक्ष ने 29 नवंबर को निशुल्क व्यापार समझौते को पारित करने के लिए आपातकालीन बैठक बुलाई। हालांकि इस मुद्दे पर सितंबर में बातचीत पूरी हो चुकी थी और यमीन ने बुधवार को दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी कर दिए थे।

विपक्षका कहना है  कि यह समझौता संसदीय प्रक्रियाओं के खिलाफ किया गया है । आम नागरिक और मीडिया के लिए विचार-विमर्श करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। दस्तावेजों को सांसदों तक भी नहीं पहुंचने दिया गया। इसके अलावा सरकार ने समझौते के 1000 पन्नों की स्वीकृति के लिए 1 घंटे से भी कम समय लिया।"  गौरतलब है कि मालदीव एकमात्र ऐसा देश है जहां पीएम नरेंद्र मोदी ने अब तक दौरा नहीं किया है।

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