Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 12:50 PM
नेशनल रियल इस्टेट डेलवलपमेंट काउंसिल (नरेडको) ने सरकार से रियल इस्टेट सेक्टर से जुड़े करों के ढांचे में लचीलापन लाने और रेन्टल हाउसिंग पर जोर देने की सरकार से मांग की है। नरेडको ने सरकार से 2018-19 के बजट में भवन निर्माताओं के लिए निर्माण से जुड़ी...
नई दिल्लीः नेशनल रियल इस्टेट डेलवलपमेंट काउंसिल (नरेडको) ने सरकार से रियल इस्टेट सेक्टर से जुड़े करों के ढांचे में लचीलापन लाने और रेन्टल हाउसिंग पर जोर देने की सरकार से मांग की है। नरेडको ने सरकार से 2018-19 के बजट में भवन निर्माताओं के लिए निर्माण से जुड़ी चीजों की आपूर्ति बढ़ाने और घर खरीदने वालों की क्रय शक्ति बढ़ाने के उपाय करने की मांग की है। इसके साथ ही नरेडको ने रेन्टल हाउसिंग पर जोर देने की जरूरत पर बल दिया है।
नरेडको के अध्यक्ष राजीव तलवार ने कहा कि बजट के माध्यम से रियल इस्टेट सेक्टर को मजबूत करने के उपाय आसानी से किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि भवन निर्माता को सहूलियत हो और क्रेता कम कीमत में मकान खरीद सकें। रियल इस्टेट सेक्टर विकसित होने से सकल घरेलू उत्पाद में बढ़ोत्तरी होगी।
उन्होंने कहा कि उनके संगठन ने रियल इस्टेट सेक्टर में वस्तु एवं सेवा कर की दरें कम करने की मांग की है जिससे मकानों की कीमत कम हो जाए और लोग अपने मकान खरीदने के लिए और प्रेरित हों। उन्होंने कहा कि प्रधानमंंत्री की ‘अफोर्डेबल हाउसिंग फॉर ऑल’ योजना को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसके लिए ऐसा तंत्र विकसित किया जाए जिससे भवन निर्माता मकान आसानी से बना सकें। इस योजना को अत्यधिक शर्तों से नहीं बांधा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नरेडको ने अपनी मांगें सरकार के समक्ष रख दी हैं और उम्मीद है 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में उन पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ध्यान जरूर देंगे।