Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 01:22 PM
अगर आपने बैंक में खाता खुलवाया है तो यह खबर आपके काम की हो सकती है। भारतीय स्टेट बैंक ने हाल ही में अपने एक नियम में बड़ा बदलाव किया है। बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस रखने का नियम जन धन योजना के तहत खोले गए खातों पर लागू नहीं होगा। यानि अगर आपने भी जन...
नई दिल्लीः अगर आपने बैंक में खाता खुलवाया है तो यह खबर आपके काम की हो सकती है। भारतीय स्टेट बैंक ने हाल ही में अपने एक नियम में बड़ा बदलाव किया है। बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस रखने का नियम जन धन योजना के तहत खोले गए खातों पर लागू नहीं होगा। यानि अगर आपने भी जन धन खाता खोल रखा है तो आपको मिनिमम बैलेंस रखने की टेंशन नहीं रहेगी।
मिनिमम बैलेंस की लिमिट घटाई
बैंक अधिकारियों के अनुसार स्टाफ, स्टूडेंट्स और सैलरी अकाउंट में भी मिनिमम बैलेंस की कोई शर्त नहीं लगाई गई है। वहीं, यदि आपका एस.बी.आई. में सामान्य खाता है तो मिनिमम बैलेंस न रखने पर आपको जुर्माना लगेगा। बता दें कि एस.बी.आर्इ. ने एक अप्रैल 2017 से खातों में मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य कर दिया है। मेट्रो शहरों में सेविंग बैंक खातधारक के लिए 3,000 रुपए का मिनिमम एवरेज बैलेंस (मंथली) ही अनिवार्य होगा। इससे पहले यह लिमिट 5,000 रुपए थी। वहीं शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मिनिमम बैलेंस की शर्त क्रमश: 3,000 रुपए, 2,000 रुपए और 1,000 रुपए रहेगी।
जुर्माना राशि में भी कटौती
बैंक ने पेंशनभोगियों, सरकार की सामाजिक योजनाओं के लाभार्थियों तथा नाबालिग खाताधारकों को बचत खाते में मिनिमम बैलेंस की सीमा से छूट दी है। बैंक ने मिनिमम बैलेंस न रखने पर जुर्माना भी घटा दिया है। बैंक ने जुर्माना राशि 20 से 50 फीसदी कम की है। अर्द्धशहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह शुल्क या जुर्माना राशि 20 से 40 रुपए होगी। वहीं शहरी और महानगरों के लिए यह 30 से 50 रुपए होगी।