Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jan, 2018 10:34 PM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि दक्षिण दिल्ली के हौज खास गांव के एक भी रेस्तरां या पब ने अपना कारोबार चलाने के लिए नगर निगम से भवन निर्माण मंजूरी नहीं ली है
नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि दक्षिण दिल्ली के हौज खास गांव के एक भी रेस्तरां या पब ने अपना कारोबार चलाने के लिए नगर निगम से भवन निर्माण मंजूरी नहीं ली है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूॢत सी हरि शंकर की पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने अदालत के इस सवाल पर नकारात्मक जवाब दिया कि क्या उसने इलाके के किसी भी रेस्तरां या या पब को भवन निर्माण मंजूरी दी है।
अदालत ने एसडीएमसी से पूछा था, ‘‘क्या आपने किसी रेस्तरां को भवन निर्माण मंजूरी दी है?’’ उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि नगर निगम रेस्तरां या पब को मंजूरी देते वक्त इस बाबत ‘‘अपना दिमाग ही नहीं लगाता’’ कि ऐसी जगहों पर लोगों के लिए पर्याप्त जगह है कि नहीं।
समाजसेवी पंकज शर्मा और वकील अनुजा कपूर की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यह टिप्पणियां की। उन्होंने अपनी याचिकाओं में आरोप लगाया था कि हौजखास गांव में चल रहे 120 से ज्यादा पब या रेस्तरां बगैर किसी इमारत निर्माण योजना या अनापत्ति प्रमाण-पत्र के काम कर रहे हैं। उन्होंने दमकल विभाग से भी मंजूरी नहीं ली है। इस मामले में बहस 19 जनवरी को जारी रहेगी।