बैंकों का NPA मार्च अंत तक 9.5 लाख करोड़ रुपए होने की संभावनाः रिपोर्ट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 04:47 PM

npas likely to be 9 5 lakh crores by march end

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के लिए पिछला कुछ वक्त बहुत बुरा रहा है। इसमें भी सरकारी बैंकों के हालत ज्यादा खराब चल रहे हैं। एक अध्ययन के मुताबिक बैंकों की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एन.पी.ए.) इस साल मार्च अंत तक 9.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाने की आशंका...

नई दिल्लीः भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के लिए पिछला कुछ वक्त बहुत बुरा रहा है। इसमें भी सरकारी बैंकों के हालत ज्यादा खराब चल रहे हैं। एक अध्ययन के मुताबिक बैंकों की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एन.पी.ए.) इस साल मार्च अंत तक 9.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाने की आशंका है जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 8 लाख करोड़ रुपए थी।

एसोचैम-क्रिसिल के अध्ययन के अनुसार बैंकिंग क्षेत्र में बड़ी मात्रा में दबाव वाली परिसंपत्तियां परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों के लिए एक बहुत बड़ा अवसर है। एन.पी.ए. की समस्या के समाधान में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। हालांकि, रिपोर्ट में परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों की वृद्धि भी घटने की आशंका जताई गई है। इसकी प्रमुख वजह उनका पूंजी आधार घटना है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘जून 2019 तक परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों की वृद्धि घटकर 12 फीसदी आने की उम्मीद है, वहीं प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियों के बढ़कर एक लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि सकल एन.पी.ए. मार्च 2018 के अंत तक बढ़कर 9.5 लाख करोड़ रुपए होने की संभावना है यह कुल ऋण का करीब 10.5 फीसदी है, वहीं दबाव वाली परिसंपत्तियों के 11.5 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा छूने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने संसद में कहा था कि सितंबर 2017 तक बैंकों का सकल एन.पी.ए. 8.5 लाख करोड़ रुपए पहुंच चुका है।     
 

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