Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Nov, 2017 05:32 PM
पाकिस्तान में एक प्रोजेक्ट की खुदाई के दौरान 1,700 वर्ष पुराने सोए हुए बुद्ध की मूर्ति के अवशेष मिले हैं। दक्षिण एशियाई देश की संस्कृति व इतिहास के पर्याय, खैबर पख्तूनख्वाह में प्राचीन बौद्ध स्थल की खोज पहली बार 1929 में हुई थी।
इस्लामाबादः पाकिस्तान में एक प्रोजेक्ट की खुदाई के दौरान 1,700 वर्ष पुराने सोए हुए बुद्ध की मूर्ति के अवशेष मिले हैं। दक्षिण एशियाई देश की संस्कृति व इतिहास के पर्याय, खैबर पख्तूनख्वाह में प्राचीन बौद्ध स्थल की खोज पहली बार 1929 में हुई थी। 88 साल बाद खुदाई फिर से शुरू हुई और 14 मीटर ऊंची कंजूर पत्थर से निर्मित बौद्ध की मूर्ति निकाली गई। इसमें बुद्ध सो रहे हैं। इस तरह की बुद्ध की मूर्ति दुनिया में दूसरी नहीं है। इस प्रतिमा को संभालकर रख दिया गया है जिसे लोग देख सकते हैं।
देश के विपक्षी नेता व क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने इमरान खान ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान बौद्ध देशों से तीर्थयात्रियों को आकर्षित कर सकता है। उन्होंने देश में बुद्ध से संबंधित पुरातात्विक स्थलों को सुरक्षित रखने और बनाए रखने की जरूरत पर बल दिया। उधर भामला के पुरातत्व और संग्रहालय विभाग के निदेशक अब्दुल सामद ने कहा, ‘यह तीसरी सदी की है और यह दुनिया की सबसे पुराने ध्यानमग्न बुद्ध के अवशेष हैं।‘
उन्होंने आगे बताया कि हमने 48 फीट लंबाई वाले इस बौद्ध प्रतिमा और 500 से अधिक बौद्ध संबंधित सामग्रियों को खोज निकाला है। उन्होंने कहा, ‘इन विरासत के संरक्षण का सवाल है जो हमारे देश के लिए संपत्ति है।‘ 2300 साल पहले मौर्य सम्राट अशोक के साम्राज्य में यह क्षेत्र कभी बौद्ध सभ्यता का केंद्र रहा था।