सरकारी स्कूलों में नहीं फिजिकल लैक्चरार और डी.पी.ई., कैसे तैयार होंगे खिलाड़ी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jan, 2018 03:12 PM

players faces the problem

शहर के अनेक सरकारी स्कूल्स में फिजिकल लैक्चरर व डी.पी.ई. का पद काफी समय से खाली है। कई स्कूल्स में तो 10 साल से डी.पी.ई. की पोस्ट खाली पड़ी है और शिक्षा विभाग द्वारा कोई स्पोर्ट्स टीचर नियुक्त नहीं किए गए हैं।

चंडीगढ़,(लल्लन यादव) : शहर के अनेक सरकारी स्कूल्स में फिजिकल लैक्चरर व डी.पी.ई. का पद काफी समय से खाली है। कई स्कूल्स में तो 10 साल से डी.पी.ई. की पोस्ट खाली पड़ी है और शिक्षा विभाग द्वारा कोई स्पोर्ट्स टीचर नियुक्त नहीं किए गए हैं। इसके साथ ही स्कूल नैशनल गेम्स में शहर के खिलाडिय़ों के प्रदर्शन पर जोर दिया जाए तो सरकारी स्कूलो के कम ही छात्र पदक जीतने में सफल होते हैं, नैशनल में शहर के निजी स्कूलो के खिलाडिय़ों का अधिक दबदबा होता। 


कई स्कूलों ने जीरो पीरियड ही कर दिया खत्म
स्कूल में पहले जीरो पीरियड होता था पर शहर के कुछ स्कूल्स के प्रिंसिपलों ने रिजल्ट बेहतर बनाने को लेकर अब जीरो पीरियड करीब-करीब खत्म ही कर दिया है। शिक्षा विभाग के इंटर स्कूल के आंकड़ों पर गौर करें तो पूरे शहर में सीनियर सैकेंडरी स्कूल 40 हैं लेकिन इंटर स्कूल अंडर-19 क्रिकेट प्रतियोगिता में निजी स्कूल्स को मिलाकर महज 7-8 टीमों ने ही हिस्सा लिया था। इसके अलावा हॉकी की बात करें तो प्राइमरी और हाई स्कूल्स की करीब 75 है पर कई बार तो इंटर स्कूल अंडर-14 की हॉकी टीम के मुकाबले ही नहीं होते हैं। 


दिल्ली में हूं, आकर ही बता सकता हूं : 
वहीं जब डायरैक्टर ऑफ स्कूल एजुकेशन रूबिद्रर सिंह बराड़ से सम्पर्क किया गया तो उन्हें कहा कि वह अभी दिल्ली में हैं और इस बारे में आने के बाद ही कुछ कह सकते हैं। 

 

फिजिकल लैक्चरार व डी.पी.ई. की स्कूल्स में नियुक्ति का काम हाई अथॉरिटी का है। इस बारे में कुछ नहीं कह सकती हूं।     
-अनुजीत कौर, डी.ई.ओ.।  


कई स्कूलों में फिजिकल लैक्चरार की पोस्ट नहीं : 
शहर के  4 स्कूल्स में शिक्षा विभाग की तरफ से फिजिकल लैक्चरार की पोस्ट ही नहीं बनाई ह ै। बात करें एक स्कूल की तो इसमें करीब 600 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं और स्कूल्स को फिजिकल स्ट्रीम में भी शामिल किया है। 
-- जी.एम.एस.एस.एस.-28
-- जी.एम.एस.एस.एस.-38
-- जी.एम.एस.एस.एस.-39 
-- जी.एम.एस.एस.एस.-51 


फिजिकल एजुकेशन में भी पिछड़ रहे बच्चे :
इसके अलावा शहर के 4 सीनियर सैकेंडरी स्कूल्स में लैक्चरार की पोस्ट खाली पड़ी है। इस कारण इन स्कूल्स के छात्र स्पोटर््स में पीछे होने के साथ-साथ फिजिकल एजुकेशन में भी पिछड़ रहे हैं। साथ ही शहर के सरकारी हाई स्कूल-29 में पिछले 10 साल से डी.पी.ई नही हैं ऐसे में इस स्कूल के बच्चे इंटर स्कूल में भी कम ही हिस्सा लेते हैं। इसके अलावा सरकारी हाई स्कूल-31 में भी डी.पी.ई. नियुक्त नहीं किए हैं। 
ठ्ठजी.एम.एस.एस.एस.-23 
ठ्ठजी.एम.एस.एस.एस.-45
ठ्ठजी.एम.एस.एस.एस.-कैंबवाला 
ठ्ठजी.एम.एस.एस.एस.-बहलाना 

 

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