PPF पर ब्याज में कटौती EPF पर पड़ेगी भारी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Dec, 2017 05:05 PM

ppf interest reduction on epf will fall on heavy

केन्द्र सरकार ने हाल में पब्लिक प्रॉविडैंट फंड यानी पी.पी.एफ. पर ब्याज दर 7.8 से घटा कर 7.6 प्रतिशत कर दी है। पी.पी.एफ. पर ब्याज दर में कटौती इम्प्लाइज प्रॉविडैंट फंड (ई.पी.एफ.) पर भारी पड़ सकती है।

नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने हाल में पब्लिक प्रॉविडैंट फंड यानी पी.पी.एफ. पर ब्याज दर 7.8 से घटा कर 7.6 प्रतिशत कर दी है। पी.पी.एफ. पर ब्याज दर में कटौती इम्प्लाइज प्रॉविडैंट फंड (ई.पी.एफ.) पर भारी पड़ सकती है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ई.पी.एफ.ओ.) जनवरी, 2018 में जब ई.पी.एफ. पर ब्याज तय करने बैठेगा तो उस पर पी.पी.एफ. पर ब्याज दर और ई.पी.एफ. पर ब्याज दर के बीच संतुलन बनाने का दबाव होगा। पी.पी.एफ. और ई.पी.एफ. के बीच ब्याज दर का गैप बढ़ कर 105 बेसिस प्वाइंट हो गया है। ऐसे में इसका नुक्सान ई.पी.एफ.ओ. के करोड़ों पी.एफ. मैंबर्स को कम ब्याज दर के तौर पर उठाना पड़ सकता है यानी ई.पी.एफ. पर 2017-18 के लिए ब्याज दर कम हो सकती है। पिछले साल ई.पी.एफ. पर 8.65 प्रतिशत ब्याज दर घोषित की गई थी।

जनवरी में हो सकती है सी.बी.टी. की बैठक
ई.पी.एफ.ओ. के बारे में फैसले लेनी वाली शीर्ष संस्था सैंट्रल बोर्ड ऑफ  ट्रस्टी (सी.बी.टी.) की बैठक 5 जनवरी को संसद सत्र समाप्त होने के बाद हो सकती है। इस बैठक में ई.पी.एफ. पर ब्याज दर तय करने पर विचार होना है। ई.पी.एफ.ओ. के सैंट्रल पी.एफ. कमिश्नर डा. वी.पी. जॉय ने बताया कि सी.बी.टी. मीटिंग की डेट पर फैसला श्रम मंत्री करेंगे।

वहीं सी.बी.टी. मैंबर ए.डी. नागपाल का कहना है कि पिछली सी.बी.टी. मीटिंग के जो मिनट्स आए हैं उनमें कहा गया है कि अगली सी.बी.टी. की मीटिंग दिसम्बर में होगी। दिसम्बर खत्म हो गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि संसद का सत्र समाप्त होने के बाद सी.बी.टी. की मीटिंग होगी। इसमें ई.पी.एफ. पर ब्याज दर तय करने पर भी विचार किया जाएगा।

घट सकती है ई.पी.एफ. पर ब्याज दर
ई.पी.एफ.ओ. ई.पी.एफ. पर ब्याज दर पी.एफ. फंड के निवेश से मिलने वाले रिटर्न के आधार पर तय करता है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकारी सिक्योरिटीज पर रिटर्न लगातार घट रहा है। ई.पी.एफ.ओ. निवेश योग्य पी.एफ. फंड का 85 प्रतिशत हिस्सा सरकारी सिक्योरिटीज में ही निवेश करता है। ऐसे में ई.पी.एफ.ओ. के लिए पिछले साल तय की गई 8.65 प्रतिशत ब्याज दर बनाए रखना भी मुश्किल होगा।

वित्त मंत्रालय की मंजूरी है जरूरी
ई.पी.एफ. पर ब्याज दर के बारे में फैसला ई.पी.एफ.ओ. करता है लेकिन श्रम मंत्रालय इसे मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेजता है। ऐसे में ई.पी.एफ.ओ. को ब्याज दर पर फैसला लेते समय इस बात का ध्यान रखना होगा कि ऐसे समय में जब सरकार स्माल सेविंग स्कीमों पर ब्याज दर में लगातार कटौती कर रही है तो ई.पी.एफ. पर ब्याज दर स्माल सेविंग स्कीमों की ब्याज दर से बहुत ज्यादा न हो। इससे पहले भी वित्त मंत्रालय ई.पी.एफ. पर ब्याज दर के मसले पर अपनी अलग राय जाहिर कर चुका है।

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