Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Nov, 2017 11:24 AM
आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना खूंखार आतंकी हाफिज सईद का सबसे बड़ा झूठ सामने आया है। हाफिज का कहना है कि वो आतंकी नहीं है और उसका आतंकी की लिस्ट में उसका नाम बेवजह है इसलिए इस लिस्ट से उसका नाम हटा दिया जाए...
इस्लामाबादः आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना खूंखार आतंकी हाफिज सईद का सबसे बड़ा झूठ सामने आया है। हाफिज का कहना है कि वो आतंकी नहीं है और उसका आतंकी की लिस्ट में उसका नाम बेवजह है इसलिए इस लिस्ट से उसका नाम हटा दिया जाए। इसके लिए हाफिज ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में अर्जी लगाई है। कई मासूमों का हत्यारा जमात-उद-दावा के आतंकी हाफिज ने संयुक्त राष्ट्र में अर्जी लगाई है कि उसे आतंकवादी न कहा जाए । रिपोर्ट्स के मुताबिक हाफिज़ की तरफ से ये अर्जी लाहौर की एक लॉ फर्म मिर्जा एंड मिर्जा ने यूएन में दायर की है।
बता दें कि, जब हाफिज सईद लाहौर में मौजूद अपने ही घर में नजरबंद था तभी ये अर्जी दायर की गई थी। पाकिस्तान के नैशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो में पूर्व प्रॉसिक्यूटर जनरल नवीद रसूल मिर्जा ने हाफिज सईद के UN में याचिका लगाने की बात की पुष्टि की है। नवीद का बेटा हैदर रसूल मिर्जा ही यूएन में हाफिज का वकील है। लाहौर की मिर्जा एंड मिर्जा लॉ फर्म ने कहा “हम हाफिज मोहम्मद सईद की तरफ से पटीशन दायर कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि हाफिज का नाम ISIS और अल कायदा से जुड़े धड़ों की लिस्ट से हटा दिया जाए। ये लिस्ट UN सिक्युरिटी काउंसिल और अल कायदा सैंक्शन्स कमेटी ने तैयार की है।”
हाफिज मुंबई हमले का सबसे बड़ा गुनहगार है और वो संसद पर हुए हमले में जैश-ए-मोहम्मद का जोड़ीदार भी है। सैकड़ों लोगों का कातिल कह रहा है कि वो आतंकी नहीं है। गौरतलब है कि, अमरीका ने मुंबई हमले से पहले ही हाफिज को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया था और उसके ऊपर 10 मिलियन डॉलर का ईनाम भी रखा था। उसे पाकिस्तान में एंटी टेरररिज़्म एक्ट के तहत 11 महीने तक नज़रबंद रखा गया था लेकिन पिछले सप्ताह ही इस्लामिक कोर्ट ने उसे रिहा कर दिया।