Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Nov, 2017 03:11 PM
अमरीकी सांसदों के द्विदलीय समूह ने कांग्रेस में एक प्रस्ताव पेश किया है जिसमें चीन के साथ संबंधों में तिब्बतियों से व्यवहार को महत्व देने की बात कही गई है। यह प्रस्ताव ऐसे समय लाया गया है जब राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप एशिया के अपने पहले दौरे पर जाने...
वॉशिंगटनः अमरीकी सांसदों के द्विदलीय समूह ने कांग्रेस में एक प्रस्ताव पेश किया है जिसमें चीन के साथ संबंधों में तिब्बतियों से व्यवहार को महत्व देने की बात कही गई है। यह प्रस्ताव ऐसे समय लाया गया है जब राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप एशिया के अपने पहले दौरे पर जाने वाले हैं। प्रस्ताव में चीन को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया गया है कि वह दलाई लामा या उनके प्रतिनिधियों के साथ संवाद करे, जिससे तिब्बत के संबंध में सुलह का कोई रास्ता निकल सके।
महत्वपूर्ण बात है कि इस प्रस्ताव में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और तिब्बत के अन्य इलाकों में अपने धार्मिक अथवा राजनीतिक विचारों को व्यक्त करने के लिए जेल में डाले गए लोगों को बिना शर्त तत्काल रिहा करने की भी मांग की गई है। इसके अलावा ल्हासा में एक कार्यालय खोलने का प्रस्ताव भी इसमें है जिससे वहां जाने वाले अमरीकी नागरिकों को सहायता मिल सके और जहां से तिब्बत में राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक बदलावों पर भी नजर रखी जा सके। ऐसे में संभव है कि चीन को यह बात नागवार गुजरे।
कांग्रेस सदस्य रोस लेथिनेन ने कहा कि तिब्बती लोगों पर चीन के दमन क्षेत्र की स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है और अमरीका की विदेश नीति में यह उच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप अगले हफ्ते चीन जाने वाले हैं, ऐसे में यह प्रस्ताव अमेरिका-चीन संबंधों में तिब्बत नीति को लेकर स्पष्ट रूपरेखा तैयार करता है। इसमें बताया गया है कि अमरीका को बीजिंग के दमनकारी रुख को लेकर कहां सख्त रवैया अपनाना चाहिए।
लेथिनेन ने कहा, 'दलाई लामा को कांग्रेसनल गोल्ड मैडल मिलने के 10 साल पूरे होने के मौके पर चीन के खतरनाक रवैये के खिलाफ अमेरिकी नीति पर जोर देने की जरूरत है। इससे उस समाधान तक पहुंचा जा सकेगा, जिससे तिब्बतियों के लिए सार्थक स्वायत्तता भी हासिल हो।' इंटरनैशनल कैंपेन फॉर तिब्बत ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है।