Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Nov, 2017 02:26 PM
8 नवंबर 2016 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500-1000 रुपए के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। इस नोटबंदी को अब एक साल पूरा हो चुका है लेकिन रद्दी हो चुके इन पुराने नोटों का इस्तेमाल अब दक्षिण अफ्रीका में किया जाएगा...
नई दिल्लीः 8 नवंबर 2016 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500-1000 रुपए के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। इस नोटबंदी को अब एक साल पूरा हो चुका है लेकिन रद्दी हो चुके इन पुराने नोटों का इस्तेमाल अब दक्षिण अफ्रीका में किया जाएगा। दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने वेस्टर्न इंडिया प्लाईवुड जिसका मुख्यालय केरल में है, के साथ एक करार किया है। कंपनी इन पुराने रद्दी हो चुके नोटों को लुग्दी में बदलकर इसे वुड पल्प के साथ मिलाकर हार्डबोर्ड बना रही है। इन हार्डबोर्ड का इस्तेमाल साउथ अफ्रीका में किया जाएगा।
साउथ अफ्रीका में 2019 में आम चुनाव होने हैं । चुनाव प्रचार में इन आयातित हार्डबोर्ड का इस्तेमाल होर्डिंग और प्लेकार्ड के रूप में किया जाएगा। वेस्टर्न इंडिया प्लाईवूड के जनरल मैनेजर टीएम बावा ने बताया कि नोटबंदी की घोषणा के कुछ समय बाद तिरुवनंतपुरम स्थित रिजर्व बैंक ने उनसे संपर्क किया। वे यह नहीं समझ पा रहे थे कि नोटों को कैसे खत्म किया जाए। यदि वे इन्हें जलाते तो इसे वातावरण प्रदूषित होता क्योंकि ये नोट एक विशेष तरह के कागज से बनाए जाते हैं।
हमनें उन्हें कुछ सैंपल भेजने के लिए कहा। उसके बाद हमारी रिसर्च और डिवैलपमैंट विंग ने ऐसी पद्धति की खोज की जिसमें हम इन नोटों का इस्तेमाल कर सकते थे। वेस्टर्न इंडिया का दावा है कि भारत में केवल उनकी कंपनी अकेली ऐसी है जिसके पास बंद हुए नोटों को रिसाइकिल करने की टैक्नोलॉजी है। नोटबंदी के बाद से अबतक कंपनी ने आरबीआई से 750 टन नोट खरीदा है। कंपनी ने आरबीआई से इन नोटों को 128 रुपए प्रति टन के हिसाब से खरीदा है।