Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 12:48 PM
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज यहां राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व चर्चा की और राज्यों की सिफारिशों को वर्ष 2018-19 के बजट को तैयार करने के दौरान ध्यान में रखने का आश्वासन दिया। इस बैठक में दोनों...
नई दिल्लीः केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज यहां राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व चर्चा की और राज्यों की सिफारिशों को वर्ष 2018-19 के बजट को तैयार करने के दौरान ध्यान में रखने का आश्वासन दिया। इस बैठक में दोनों केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्रियों के साथ ही हिमाचल प्रदेश और पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री, बिहार, दिल्ली, गुजरात, मणिपुर और तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री और 14 राज्यों के वित्त मंत्री या उनके प्रतिनिधि तथा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने वित्तीय नीति और बजटीय उपायों पर कई सुझाव दिए जिसको बजट में समाहित करने पर केन्द्र सरकार विचार कर सकती है। जेटली ने कहा कि राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के सुझावों और सौंपे गए ज्ञापनों का अध्ययन कर सहकारी संघवाद के मूलमंत्र के आधार पर वर्ष 2018-19 के बजट प्रस्तावों में उन्हें शामिल करने पर विचार किया जाएगा।
बैठक में बिहार ने इनकम टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपए करने, 80सी के तहत छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपए करने और टैक्स फ्री ग्रैच्युटी की अधिकतम सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने की भी मांग की। वहीं, तमिलनाडु ने भी 80सी के तहत डिडक्शन बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए करने की मांग की। इस बैठक में वित्त वर्ष 1 अप्रैल की बजाय 1 जनवरी से शुरू करने की मांग भी उठी।