तेजस विश्वस्तरीय लड़ाकू विमान : हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Nov, 2017 08:58 PM

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श में ही विकसित हल्का लड़ाकू विमान तेजस एक विश्वस्तरीय लड़ाकू विमान है और यह भारतीय आकाश की सुरक्षा में अपनी निर्धारित भूमिका को ‘कारगर’ ढंग से निभा सकता है। यह बात आज यहां इसकी विनिर्माता हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने कही।

नई दिल्ली: देश में ही विकसित हल्का लड़ाकू विमान तेजस एक विश्वस्तरीय लड़ाकू विमान है और यह भारतीय आकाश की सुरक्षा में अपनी निर्धारित भूमिका को ‘कारगर’ ढंग से निभा सकता है। यह बात आज यहां इसकी विनिर्माता हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने कही।

कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक टी. सुवर्ण राजू ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने तेजस में 42 सुधार करने के लिए कहे थे। इसमें विमान को हथियारों से लैस करने समेत सभी प्रकार के कामों में सुधार के ज्यादातर कार्य किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत के हिसाब से इन विमानों का उत्पादन तेज किया जा सकता है।

राजू ने कहा, ‘‘तेजस चौथी और पांचवीं पीढ़ी के बीच का विश्वस्तरीय लड़ाकू विमान है। इसे लेकर कोई संदेह नहीं है। हम इसे कई मानकों पर और सुधार सकते हैं। हमें तेजस पर गर्व है। हर भारतीय को इस पर गर्व होगा। हम यह सुनिश्चित करेगी इसकी गुणवत्ता और प्रदर्शन और बढिय़ा हो। ’’

राजू का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कि कुछ ऐसी रपटे थीं जिनके अनुसार वायुसेना का कहना है कि उसकी लड़ाई की जरुरतों को पूरा करने के लिए तेजस विमान पर्याप्त नहीं है। इसलिए एक इंजन वाले विदेशी विमान के एक बेड़े को तत्काल खरीदने की जरुरत है, क्यों कि उसके लड़ाकू विमानों की संख्या घट रही है।

वायुसेना का मत है कि उसके पास तरह तरह के लड़ाकू विमान होने चाहिए ताकि मिश्रित बेड़ा होना चाहिए, ताकि उसके पास अपने दुश्मनों के खिलाफ बढ़त बनाए रखने का अतिरिक्त साधन हो। वायुसेना ने 40 तेजस का ऑर्डर दिया है और वह ‘बहुत जल्द’ एचएएल के साथ 8& अन्य विमान खरीदने का समझौता करने वाली है।

हालांकि राजू का कहना है कि एचएएल ज्यादा संख्या में आपूर्ति करने पर ध्यान दे रही है और वह आगे इस विमान को और उन्नत बनाने के लिए तैयार है। राजू ने कहा कि साढ़े चार पीढ़ी का विमान तेजस वह देने में सक्षम होगा जिसकी इससे उम्मीद है। इस विमान की न्यूनतम आयु &0 वर्ष होगी जो किसी भी अन्य तरह के छोटे लड़ाकू विमान की तरह ही है।

वायुसेना को विमानों की आपूर्ति में देरी के लिए हो रही एचएएल की आलोचना का खंडन करते हुए राजू ने कहा कि कंपनी 8& विमानों की तेजी से आपूर्ति के लिए तैयार है क्योंकि वह अपनी मौजूदा विनिर्माण स्थिति को बढ़ाने के लिए 1,&00 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है। 

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