Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jan, 2018 11:24 AM
अमरीका द्वारा आर्थिक सहायता रोके जाने के बाद पाकिस्तान को अपने दोस्त चीन से ही मदद की उम्मीद है लेकिन अमरीका की नई रणनीति से उसे और भी करारा झटका लग सकता है। आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाह को खत्म करने के लिए अमरीका अब चीन को भी अपने साथ लेने की...
वॉशिंगटनः अमरीका द्वारा आर्थिक सहायता रोके जाने के बाद पाकिस्तान को अपने दोस्त चीन से ही मदद की उम्मीद है लेकिन अमरीका की नई रणनीति से उसे और भी करारा झटका लग सकता है। आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाह को खत्म करने के लिए अमरीका अब चीन को भी अपने साथ लेने की तैयारी में है। वाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इस मुद्दे पर चीन अमरीका की कुछ चिंताओं को साझा करता है और वॉशिंगटन पेइचिंग और अन्य क्षेत्रीय शक्तियों के साथ इस्लामाबाद को इस बात के लिए तैयार करेगा कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने की जरूरत है।
ट्रंप प्रशासन अमरीका में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने को लेकर काफी सख्त है, क्योंकि अफगानिस्तान और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए यह जरूरी है। अधिकारी ने उम्मीद जताई कि चीन पाकिस्तान को इस बात के लिए मनाने में सहायक भूमिका निभा सकता है कि आतंकियों के पनाहगाह को खत्म करना उसके अपने हित में भी है। अधिकारी ने चीन पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर की जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच पुराना संबंध और आर्थिक रिश्ता मजबूत हो रहा है।अमरीका दूसरी क्षेत्रीय शक्तियों के साथ काम करना चाहता है और चीन इस मुद्दे पर मुख्य होगा।
अधिकारी ने यह भी कहा, 'चीन और अफगानिस्तान के बीच बेहतर संबंध के लिए चीन सहायक भूमिका निभा रहा है। और वह इस संबंध में और अधिक सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इसलिए मैं इस बात को खारिज करता हूं कि आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए पाकिस्तान को मनाने में चीन मदद नहीं करेगा।' गौरतलब है कि अमरीका ने आतंकवादियों को संरक्षण देने की वजह से पाकिस्तान पर सख्ती बढ़ा दी है।